فَقَابَلَهُ قَوْمٌ مِنَ الْفَلاَسِفَةِ الأَبِيكُورِيِّينَ وَالرِّوَاقِيِّينَ، وَقَالَ بَعْضٌ:«تُرَى مَاذَا يُرِيدُ هذَا الْمِهْذَارُ أَنْ يَقُولَ؟» وَبَعْضٌ:«إِنَّهُ يَظْهَرُ مُنَادِيًا بِآلِهَةٍ غَرِيبَةٍ». لأَنَّهُ كَانَ يُبَشِّرُهُمْ بِيَسُوعَ وَالْقِيَامَةِ.
कुछ इपीकुरी और स्तोइकी दार्शनिक भी उससे शास्त्रार्थ करने लगे। उनमें से कुछ ने कहा, “यह अंटशंट बोलने वाला कहना क्या चाहता है?” दूसरों ने कहा, “यह तो विदेशी देवताओं का प्रचारक मालूम होता है।” उन्होंने यह इसलिए कहा था कि वह यीशु के बारे में उपदेश देता था और उसके फिर से जी उठने का प्रचार करता था।