وَكَذلِكَ السَّحَرَةُ وَالْعَرَّافُونَ وَالتَّرَافِيمُ وَالأَصْنَامُ وَجَمِيعُ الرَّجَاسَاتِ الَّتِي رُئِيَتْ فِي أَرْضِ يَهُوذَا وَفِي أُورُشَلِيمَ، أَبَادَهَا يُوشِيَّا لِيُقِيمَ كَلاَمَ الشَّرِيعَةِ الْمَكْتُوبَ فِي السِّفْرِ الَّذِي وَجَدَهُ حِلْقِيَّا الْكَاهِنُ فِي بَيْتِ الرَّبِّ.
योशिय्याह ने ओझाओं, भूतसिद्धकों, गृह—देवताओं, देवमूर्तियों और यहूदा तथा इस्राएल में जिन डरावनी चीज़ों की पूजा होती थी, सबको नष्ट कर दिया। योशिय्याह ने यह यहोवा के मन्दिर में याजक हिलकिय्याह को मिली पुस्तक में लिखे नियमों का पालन करने के लिये किया।