وَصَلاَتُهُ وَالاسْتِجَابَةُ لَهُ، وَكُلُّ خَطَايَاهُ وَخِيَانَتُهُ وَالأَمَاكِنُ الَّتِي بَنَى فِيهَا مُرْتَفَعَاتٍ وَأَقَامَ سَوَارِيَ وَتَمَاثِيلَ قَبْلَ تَوَاضُعِهِ، هَا هِيَ مَكْتُوبَةٌ فِي أَخْبَارِ الرَّائِينَ.
मनश्शे ने कैसे प्रार्थना की और परमेश्वर ने वह कैसे सुनी और उस पर दया की, यह *दृष्टाओं की पुस्तक* में लिखा है। मनश्शे के सभी पाप और बुराईयाँ जो उसने स्वयं को विनम्र करने से पूर्व कीं और वे स्थान जहाँ उसने उच्च स्थान बनाए और अशेरा—स्तम्भ खड़े किये, *दृष्टाओं की पुस्तक* में लिखे हैं।