Psalms 13

victori canticum David usquequo Domine oblivisceris mei penitus usquequo abscondes faciem tuam a me
हे यहोवा, तू कब तक मुझ को भूला रहेगा? क्या तू मुझे सदा सदा के लिये बिसरा देगा कब तक तू मुझको नहीं स्वीकारेगा?
usquequo ponam consilia in anima mea dolorem in corde meo per diem
तू मुझे भूल गया यह कब तक मैं सोचूँ? अपने ह्रदय में कब तक यह दु:ख भोगूँ? कब तक मेरे शत्रु मुझे जीतते रहेंगे?
usquequo exaltabitur inimicus meus super me
हे यहोवा, मेरे परमेश्वर, मेरी सुधि ले! और तू मेरे प्रश्न का उत्तर दे! मुझको उत्तर दे नहीं तो मैं मर जाऊँगा!
convertere exaudi me Domine Deus meus inlumina oculos meos ne umquam obdormiam in mortem
कदाचित् तब मेरे शत्रु यों कहने लगें, “मैंने उसे पीट दिया!” मेरे शत्रु प्रसन्न होंगे कि मेरा अंत हो गया है।
nequando dicat inimicus meus praevalui adversus eum hostes mei exultabunt cum motus fuero
हे यहोवा, मैंने तेरी करुणा पर सहायता पाने के लिये भरोसा रखा। तूने मुझे बचा लिया और मुझको सुखी किया!
ego autem in misericordia tua confido exultabit cor meum in salutari tuo cantabo Domino quia reddidit mihi
मैं यहोवा के लिये प्रसन्नता के गीत गाता हूँ, क्योंकि उसने मेरे लिये बहुत सी अच्छी बातें की हैं।