व्यापारियों, तुम कहते हो,
“नवचन्द्र कब बीतेगा, जिससे हम अन्न बेच सकेंगे
सब्त कब बीतेगा,
जिससे हम अपना गेहूँ बेचने को ला सकेंगे
हम कीमतें बढ़ा सकेंगे,
बाटों को हलका कर सकेंगे,
और हम तराजुओं को ऐसा व्यवस्थित कर लेंगे
कि लोगों को ठग सकें।
кажучи: Коли то мине новомісяччя, щоб нам збіжжя продати? і субота, щоб нам відчинити збіжеві комори? Щоб зменшити ефу, і щоб шекля побільшити, і щоб викривляти обманну вагу,