योआश ने याजकों से कहा, “यहोवा के मन्दिर में बहुत धन है। लोगों ने मन्दिर में चीज़ें दी हैं। लोगों ने गणना के समय मन्दिर का कर दिया है और लोगों ने धन इसलिये दिया है कि वे स्वत: ही देना चाहते थे। याजको, आप लोग उस धन को ले लें और यहोवा के मन्दिर की मरम्मत करवा दें। हर एक याजक उस धन का इसमें उपयोग करे जो उसे उन लोगों से मिलता है जिनकी वे सेवा करते हैं। उसे उस धन का उपयोग यहोवा के मन्दिर की टूट—फूट की मरम्मत में करना चाहिये।”
Και ειπεν ο Ιωας προς τους ιερεις, Παν το αργυριον των αφιερωματων το εισφερομενον εις τον οικον του Κυριου, το αργυριον εκαστου διερχομενου εις τους απαριθμουμενους, το αργυριον εκαστου κατα την εκτιμησιν αυτου, παν το αργυριον το οποιον ηθελεν ελθει εις την καρδιαν τινος να προσφερη εις τον οικον του Κυριου,