ताकि तुम शासकों, सेनापतियों, प्रसिद्ध पुरुषों, घोड़ों और उनके सवारों का माँस खा सको। और सभी लोगों स्वतन्त्र व्यक्तियों, सेवकों छोटे लोगों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की देहों को खा सको।”
لِكَيْ تَأْكُلِي لُحُومَ مُلُوكٍ، وَلُحُومَ قُوَّادٍ، وَلُحُومَ أَقْوِيَاءَ، وَلُحُومَ خَيْل وَالْجَالِسِينَ عَلَيْهَا، وَلُحُومَ الْكُلِّ: حُرًّا وَعَبْدًا، صَغِيرًا وَكَبِيرًا».