“हे दानिय्येल, परमेश्वर ने तेरी प्रजा और तेरी नगरी के लिए सत्तर सप्ताहों का समय निश्चित किया है। सत्तर सप्ताहों के समय का यह आदेश इसलिये दिया गया है कि बुरे कर्म करना छाड़ दिया जाये, पाप करना बन्द कर दिया जाये, सब लोगों को शुद्ध किया जाये, सदा—सदा बनी रहने वाली नेकी को लाया जाये, दर्शन और नबियों पर मुहर लगा दी जाये, और एक अत्यंत पवित्र स्थान को समर्पित किया जाये।
سَبْعُونَ أُسْبُوعًا قُضِيَتْ عَلَى شَعْبِكَ وَعَلَى مَدِينَتِكَ الْمُقَدَّسَةِ لِتَكْمِيلِ الْمَعْصِيَةِ وَتَتْمِيمِ الْخَطَايَا، وَلِكَفَّارَةِ الإِثْمِ، وَلِيُؤْتَى بِالْبِرِّ الأَبَدِيِّ، وَلِخَتْمِ الرُّؤْيَا وَالنُّبُوَّةِ، وَلِمَسْحِ قُدُّوسِ الْقُدُّوسِينَ.