ויקרא בקול עז לאמר נפלה נפלה בבל הגדולה ותהי נוה שערים ומשמר לכל רוח טמא ומשמר לכל עוף טמא ונמאס׃
शक्तिशाली स्वर से पुकारते हुए वह बोला:
“वह मिट गयी,
बाबुल नगरी मिट गयी।
वह दानवों का आवास बन गयी थी।
हर किसी दुष्टात्मा का वह बसेरा बन गयी थी।
हर किसी घृणित पक्षी का वह बसेरा बन गयी थी!
हर किसी अपवित्र, निन्दा योग्य पशु का।
כי מיין חמת זנותה שתו כל הגוים ומלכי ארץ זנו עמה וסחרי ארץ משפעת תענגיה העשירו׃
क्योंकि उसने सब जनों को व्यभिचार के क्रोध की मदिरा पिलायी थी।
इस जगत के शासकों ने जो स्वयं जगाई थी उससे व्यभिचार किया था।
और उसके भोग व्यय से जगत के व्यापारी सम्पन्न बने थे।
ואשמע קול אחר מן השמים האמר צאו ממנה עמי פן תתחברו אל חטאתיה ופן תקחו ממכותיה׃
आकाश से मैंने एक और स्वर सुना जो कह रहा था:
“हे मेरे जनों, तुम वहाँ से बाहर निकल आओ
तुम उसके पापों में कहीं साक्षी न बन जाओ;
कहीं ऐसा न हो, तुम पर ही वे नाश गिरें जो उसके रहे थे,
שלמו לה גמולה שגמלה לכם ועשו לה כפלים כפעלה בכוס אשר מסכה מסכו לה כפלים׃
हे! तुम भी तो उससे ठीक वैसा व्यवहार करो जैसा तुम्हारे साथ उसने किया था।
जो उसने तुम्हारे साथ किया उससे दुगुना उसके साथ करो।
दूसरों के हेतु उसने जिस कटोरे में मदिरा मिलाई वही मदिरा तुम उसके हेतु दुगनी मिलाओ।
כאשר התרוממה והתענגה כן תנו לה חבל ואבל כי אמרה התרוממה והתענגה כן תנו לה חבל ואבל כי אמרה בלבבה אני ישבתי מלכה ולא אהיה אלמנה ואבל לא אראה׃
क्योंकि जो महिमा और वैभव उसने
स्वयं को दिया तुम उसी ढँग से उसे यातनाएँ और पीड़ा दो क्योंकि
वह स्वयं अपने आप ही से कहती रही है, ‘मैं अपनी नृपासन विराजित महारानी
मैं विधवा नहीं
फिर शोक क्यों करूँगी?’
על כן רגע ביום אחד תבאנה מכותיה מות ואבל ורעב ותשרף במו אש כי חזק יהוה אלהים השפט אתה׃
इसलिए वे नाश जो महामृत्यु,
महारोदन और वह दुर्भिक्ष भीषण है।
उसको एक ही दिन घेर लेंगे, और उसको जला कर भस्म कर देंगे क्योंकि परमेश्वर प्रभु जो बहुत सक्षम है,
उसी ने इसका यह न्याय किया है।
ויבכו ויספדו עליה מלכי ארץ אשר זנו והתענגו עמה בראתם את עשן שרפתה׃
“जब धरती के राजा, जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार किया और उसके भोग-विलास में हिस्सा बटाया, उसके जलने से निकलते धुआँ को देखेंगे तो वे उसके लिए रोयेंगे और विलाप करेंगे।
את משא זהב וכסף ואבן יקרה ופנינים ובוץ וארגמן ומשי ושני וכל עצי בשם וכל כלי שנהבים וכל כלי עץ יקר וכלי נחשת וברזל ושיש׃
वस्तुएँ सोने की, चाँदी की, बहुमूल्य रत्न, मोती, मलमल, बैजनी, रेशमी और किरमिजी वस्त्र, हर प्रकार की सुगंधित लकड़ी हाथी दाँत की बनी हुई हर प्रकार की वस्तुएँ, अनमोल लकड़ी, काँसे, लोहे और संगमरमर से बनी हुई तरह-तरह की वस्तुएँ
दार चीनी, गुलमेंहदी, सुगंधित धूप, रस गंध, लोहबान, मदिरा, जैतून का तेल, मैदा, गेहूँ, मवेशी, भेड़े, घोड़े और रथ, दास, हाँ, मनुष्यों की देह और उनकी आत्माएँ तक।
ואמרו אוי אוי העיר הגדולה המכסה בשש וארגמן ושני ומכללה בזהב ואבן יקרה ופנינים כי בשעה אחת החרב עשר גדול כזה׃
कहेंगे:
‘कितना भयावह और कितनी भयानक है, महानगरी!
यह उसके हेतु हुआ। उत्तम मलमली वस्त्र पहनती थी
बैजनी और किरमिजी! और स्वर्ण से बहुमूल्य रत्नों से सुसज्जित
मोतियों से सजती ही रही थी।
וכל חבל וכל בעל מעברת והמלחים וכל עשי מלאכה בים עמדו מרחוק׃
और बस घड़ी भर में यह सारी सम्पत्ति मिट गयी।’
“फिर जहाज का हर कप्तान, या हर वह व्यक्ति जो जहाज से चाहे कहीं भी जा सकता है तथा सभी मल्लाह और वे सब लोग भी जो सागर से अपनी जीविका चलाते हैं, उस नगरी से दूर ही खड़े रहे
ויזרקו עפר על ראשיהם ויצעקו בכה וספוד לאמר אוי אוי העיר הגדולה אשר בה העשירו מהונה כל אשר להם אניות בים כי בשעה אחת החרבה׃
फिर उन्होंने अपने सिर पर धूल डालते हुए रोते-बिलखते कहा,
‘महानगरी! हाय यह कितना भयावह! हाय यह कितना भयानक।
जिनके पास जलयान थे, सिंधु जल पर सम्पत्तिशाली बन गए, क्योंकि उसके पास सम्पत्ति थी पर
अब बस घड़ी भर में नष्ट हो गयी।
רנו עליה השמים והשליחים הקדשים והנביאים כי שפט אלהים את משפטכם ממנה׃
उसके हेतु आनन्द मनाओ तुम हे स्वर्ग!
प्रेरित! और नबियों! तुम परमेश्वर के जनों आनन्द मनाओ!
क्योंकि प्रभु ने उसको ठीक वैसा दण्ड दे दिया है जैसा वह दण्ड उसने तुम्हें दिया था।’”
וישא מלאך נורא אבן גדולה כפלח רכב וישליכה אל תוך הים לאמר ככה תשלך במערצה בבל העיר הגדולה ולא תמצא עוד׃
फिर एक शक्तिशाली स्वर्गदूत ने चक्की के पाट जैसी एक बड़ी सी चट्टान उठाई और उसे सागर में फेंकते हुए कहा,
“महानगरी! हे बाबुल महानगरी!
ठीक ऐसे ही तू गिरा दी जायेगी तू फिर लुप्त हो जायेगी, और तू नहीं मिल पायेगी।
וקול המנגנים בכנור והמזמרים ומחללים בחלילים ומחצרים בחצצרות בל ישמע עוד בתוכך וכל חרש וחשב בל ימצא בך עוד וקול רחים בל ישמע עוד בקרבך׃
तुझमें फिर कभी नहीं वीणा बजेगी, और गायक कभी भी स्तुति पाठ न कर पायेंगे।
वंशी कभी नहीं गूँजेंगी कोई भी तुरही तान न सुनेगा,
तुझमें अब कोई कला शिल्पी कभी न मिलेगा अब तुझमें कोई भी कला न बचेगी!
अब चक्की पीसने का स्वर कभी भी ध्वनित न होगा।
ואור נר לא יאיר לך עוד וקול חתן וקול כלה לא ישמע בך עוד כי כנעניך היו נכבדי ארץ ובכשפיך תעו כל הגוים׃
दीप की किंचित किरण तुझमें कभी भी न चमकेगी,
अब तुझमें किसी वर की किसी वधु की मधुर ध्वनि कभी न गुँजेगी।
तेरे व्यापारी जगती के महामनुज थे तेरे जादू ने सब जातों को भरमाया।