فَلِذلِكَ حَيٌّ أَنَا، يَقُولُ السَّيِّدُ الرَّبُّ، لأَفْعَلَنَّ كَغَضَبِكَ وَكَحَسَدِكَ اللَّذَيْنِ عَامَلْتَ بِهِمَا مِنْ بُغْضَتِكَ لَهُمْ، وَأُعَرِّفُ بِنَفْسِي بَيْنَهُمْ عِنْدَمَا أَحْكُمُ عَلَيْكَ،
मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “तुम मेरे लोगों के प्रति ईर्ष्यालु थे। तुम उन पर क्रोधित थे और तुम मुझसे घृणा करते थे। अत: अपने जीवन की शपथ खाकर मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं तुम्हें वैसे ही दण्डित करूँगा जैसे तुमने उन्हें चोट पहुँचाई। मैं तुझे दण्ड दूँगा और अपने लोगों को समझने दूँगा कि मैं उनके साथ हूँ।