بِمَا أَنِّي أَوْصَيْتُكَ الْيَوْمَ أَنْ تُحِبَّ الرَّبَّ إِلهَكَ وَتَسْلُكَ فِي طُرُقِهِ وَتَحْفَظَ وَصَايَاهُ وَفَرَائِضَهُ وَأَحْكَامَهُ لِكَيْ تَحْيَا وَتَنْمُوَ، وَيُبَارِكَكَ الرَّبُّ إِلهُكَ فِي الأَرْضِ الَّتِي أَنْتَ دَاخِلٌ إِلَيْهَا لِكَيْ تَمْتَلِكَهَا.
मैं आज तुम्हें आदेश देता हूँ कि यहोवा अपने परमेश्वर से प्रेम करो, उसके मार्ग पर चलो और उसके आदेशों, विधियों और नियमों का पालन करो। तब तुम जीवित रहोगे और तुम्हारा राष्ट्र अधिक बड़ा होगा। और यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें उस देश में आशीर्वाद देगा जिसे अपना बनाने के लिए तुम वहाँ जा रहे हो।