فَذَهَبَ رَاكِبُ الْفَرَسِ لِلِقَائِهِ وَقَالَ: «هكَذَا يَقُولُ الْمَلِكُ: أَسَلاَمٌ؟» فَقَالَ يَاهُو: «مَا لَكَ وَلِلسَّلاَمِ؟ دُرْ إِلَى وَرَائِي». فَأَخْبَرَ الرَّقِيبُ قَائِلاً: «قَدْ وَصَلَ الرَّسُولُ إِلَيْهِمْ وَلَمْ يَرْجعْ».
अतः एक व्यक्ति येहू से मिलने के लिये घोड़े पर सवार होकर गया। घुड़सवार ने कहा, “राजा योराम पूछते हैं, ‘क्या आप शान्ति की इच्छा से आए हैं?’” येहू ने कहा, “तुम्हें शान्ति से कुछ लेना—देना नहीं। आओ और मेरो पीछे चलो।” रक्षक ने योराम से कहा, “उस दल के पास सन्देशवाहक गया, किन्तु वह लौटकर अब तक नहीं आया।”