فَقَالَ لَهُ: «أَلَمْ يَذْهَبْ قَلْبِي حِينَ رَجَعَ الرَّجُلُ مِنْ مَرْكَبَتِهِ لِلِقَائِكَ؟ أَهُوَ وَقْتٌ لأَخْذِ الْفِضَّةِ وَلأَخْذِ ثِيَابٍ وَزَيْتُونٍ وَكُرُومٍ وَغَنَمٍ وَبَقَرٍ وَعَبِيدٍ وَجَوَارٍ؟
एलीशा ने गेहजी से कहा, “यह सच नहीं है! मेरा हृदय तुम्हारे साथ था जब नामान अपने रथ से तुमसे मिलने को मुड़ा। यह समय पैसा, कपड़े, जैतून, अंगूर, भेड़, गायें या सेवक—सेविकायें लेने का नहीं है।