मैं प्रार्थना करता हूँ कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम्हें आशीर्वाद दे और तुम्हें बहुत से पुत्र दे। मैं प्रार्थना करता हूँ कि तुम एक महान राष्ट्र के पिता बनो।
मैं प्रार्थना करता हूँ कि जिस तरह परमेश्वर ने इब्राहीम को वरदान दिया था उसी तरह वह तुमको भी आशीर्वाद दे। मैं प्रार्थना करता हूँ कि परमेश्वर तुम्हें इब्राहीम का आशीर्वाद दे, यानी वह तुम्हें और तुम्हारी आने वाली पीढ़ी को, यह जगह जहाँ तुम आज परदेशी की तरह रहते हो, हमेशा के लिए तुम्हारी सम्पत्ति बना दे।”
इस तरह इसहाक ने याकूब को पद्दनराम के प्रदेश को भेजा। याकूब अपने मामा लाबान के पास गया अरामी बतूएल लाबान और रिबका का पिता था और रिबका याकूब और एसाव की माँ थी।
एसाव को पता चला कि उसके पिता इसहाक ने याकूब को आशीर्वाद दिया है और उसने याकूब को पद्दरनाम में एक पत्नी की खोज के लिए भेजा है। एसाव को यह भी पता लगा कि इसहाक ने याकूब को आदेश दिया है कि वह कनानी स्त्री से विवाह न करे।
याकूब के यात्रा करते समय ही सूरज डूब गया था। इसलिए याकूब रात बिताने के लिए एक जगह ठहरने गया। याकूब ने उस जगह एक चट्टान देखी और सोने के लिए इस पर अपना सिर रखा।
याकूब ने स्वर्गदूतों को उस सीढ़ी पर चढ़ते उतरते देखा और यहोवा को सीढ़ी के पास खड़ा देखा। यहोवा ने कहा, “मैं तुम्हारे पितामह इब्राहीम का परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं इसहाक का परमेश्वर हूँ। मैं तुम्हें वह भूमि दूँगा जिस पर तुम अब सो रहे हो। मैं यह भूमि तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को दूँगा।
तुम्हारे वंशज उतने होंगे जितने पृथ्वी पर मिट्टी के कण हैं। वे पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण में फैलेंगे। पृथ्वी के सभी परिवार तुम्हारे वंशजों के कारण वरदान पाएँगे।
“मैं तुम्हारे साथ हूँ और मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा जहाँ भी जाओगे और मैं इस भूमि पर तुम्हें लौटा ले आऊँगा। मैं तुमको तब तक नहीं छोड़ूँगा जब तक मैं वह नहीं कर लूँगा जो मैंने करने का वचन दिया है।”
याकूब दूसरे दिन बहुत सबेरे उठा। याकूब ने उस शिला को उठाया और उसे किनारे से खड़ा कर दिया। तब उसने इस पर तेल चढ़ाया। इस तरह उसने इसे परमेश्वर का स्मरण स्तम्भ बनाया।
तब याकूब ने एक वचन दिया। उसने कहा, “यदि परमेश्वर मेरे साथ रहेगा और अगर परमेश्वर, जहाँ भी मैं जाता हूँ, वहाँ मेरी रक्षा करेगा, अगर परमेश्वर मुझे खाने को भोजन और पहनने को वस्त्र देगा।