शाऊल के परिवार से एक सेवक सीबा नाम का था। दाऊद के सेवकों ने सीबा को दाऊद के पास बुलाया। राजा दाऊद ने पूछा, “क्या तुम सीबा हो?” सीबा ने कहा, “हाँ मैं सीबा, आपका सेवक हूँ।”
राजा ने पूछा, “क्या शाऊल के परिवार में कोई बचा है? मैं उस व्यक्ति पर परमेश्वर की कृपा दिखाना चाहता हूँ।” सीबा ने राजा दाऊद से कहा, “योनातन का एक पुत्र अभी तक जीवित है? वह दोनों पैरों से लंगड़ा है।”
दाऊद ने मेपीबोशेत से कहा, “डरो नहीं। मैं तुम्हारे प्रति दयालु रहूँगा। मैं यह तुम्हारे पिता योनातन के लिये करूँगा। मैं तुम्हारे पितामह शाऊल की सारी भूमि तुमको दूँगा, और तुम सदा मेरी मेज पर भोजन कर सकोगे।”
तब राजा दाऊद ने शाऊल के सेवक सीबा को बुलाया। दाऊद ने सीबा से कहा, “मैंने शाऊल के परिवार और जो कुछ उसका है उसे तुम्हारे स्वामी के पौत्र (मेपीबोशेत) को दे दिया है।
तुम मेपीबोशेत के लिये भूमि पर खेती करोगे। तुम्हारे पुत्र और सेवक मेपीबोशेत के लिये यह करेंगे। तुम फसल काटोगे। तब तुम्हारे स्वामी का पौत्र (मेपीबोशेत) खाने के लिये भोजन पाएगा। किन्तु मेपीबोशेत तुम्हारे स्वामी का पौत्र मेरी मेज पर खाने का सदा अधिकारी होगा।” सीबा के पन्द्रह पुत्र और बीस सेवक थे।
सीबा ने राजा दाऊद से कहा, “मैं आपका सेवक हूँ। मैं वह सब कुछ करूँगा, जो मेरे स्वामी, मेरे राजा आदेश देंगे।” अत: मेपीबोशेत ने दाऊद की मेज पर राजा के पुत्रों में से एक की तरह भोजन किया।