Zechariah 3

et ostendit mihi Iesum sacerdotem magnum stantem coram angelo Domini et Satan stabat a dextris eius ut adversaretur ei
तब दूत ने मुझे महायाजक यहोशू को दिखाया। यहोशू यहोवा के दूत के सामने खङा था और शैतान यहोशू की दायीं ओर खड़ा था। शैतान वहाँ यहोशू द्वारा किये गए बुरे कामों के लिये दोष देने को था।
et dixit Dominus ad Satan increpet Dominus in te Satan et increpet Dominus in te qui elegit Hierusalem numquid non iste torris est erutus de igne
तब यहोवा के दूत ने कहा, “शैतान, यहोवा तुम्हें फटकारे। यहोवा तुम्हें अपराधी घोषित करे! यहोवा ने यरूशलेम को अपना विषेश नगर चुना हैं। उन्होंने उस नगर को बचाया—जैसे जलती लकङी को आग से बाहर निकाल दिया जाये।”
et Iesus erat indutus vestibus sordidis et stabat ante faciem angeli
यहोशू दूत के सामने खङा था और यहोशू गन्दे वस्त्र पहने था।
qui respondit et ait ad eos qui stabant coram se dicens auferte vestimenta sordida ab eo et dixit ad eum ecce abstuli a te iniquitatem tuam et indui te mutatoriis
तब अपने समीप खङे अन्य दूतों से दूत ने कहा, “यहोशू के गन्दे वस्त्रों को उतार लो।” तब दूत ने यहोशू से बातें कीं।उसने कहा, “मैंने तुम्हारे अपराधों को हर लिया है और मैं तुम्हें नये वस्त्र बदलने को देता हूँ।”
et dixit ponite cidarim mundam super caput eius et posuerunt cidarim mundam super caput eius et induerunt eum vestibus et angelus Domini stabat
तब मैंने कहा, “उसके सिर पर एक नयी पगड़ी बाँधो।” अत: उन्होंने एक नयी पगड़ी उसे बांधी। यहोवा के दूत के खड़े रहते ही उन्होंने उसे नये वस्त्र पहनाये।
et contestabatur angelus Domini Iesum dicens
तब यहोवा के दूत ने यहोशू से यह कहा:
haec dicit Dominus exercituum si in viis meis ambulaveris et custodiam meam custodieris tu quoque iudicabis domum meam et custodies atria mea et dabo tibi ambulantes de his qui nunc hic adsistunt
सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा, “वैसे ही रहो जैसा मैं कहूँ, और मैं जो कहूँ वह सब करो और तुम मेरे मंदिर के उच्चाधिकारी होगे। तुम इसके आँगन की देखभाल करोगे और मैं अनुमति दूँगा कि तुम यहाँ खड़े स्वर्गदूतों के बीच स्वतन्त्रता से घूमो।
audi Iesu sacerdos magne tu et amici tui qui habitant coram te quia viri portendentes sunt ecce enim ego adducam servum meum orientem
अत: यहोशू, तुम्हें और तुम्हारे साथ के लोगों को मेरी बातें सुननी होंगी। तुम महायाजक हो, और तम्हारे साथ के लोग दूसरों के समक्ष एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं और मैं सच ही, अपने विशेष सेवक को लाऊँगा, उसे शाख कहते हैं।
quia ecce lapis quem dedi coram Iesu super lapidem unum septem oculi sunt ecce ego celabo sculpturam eius ait Dominus exercituum et auferam iniquitatem terrae illius in die una
देखो, मैं एक विशेष पत्थर यहोशू के सामने रखता हूँ। उस पत्थर के सात पहलू है और मैं उस पत्थर पर विशेष सन्देश खोदूँगा। वह इस तथ्य को प्रकट करेगा कि मैं एक दिन में इस देश के सभी पापों को दूर कर दूँगा।”
in die illa dicit Dominus exercituum vocabit vir amicum suum subter vineam et subter ficum
सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है, “उस समय, लोग बैठेंगे और अपने मित्रों एवं पड़ोसियों को अपने उद्यानों में आमंन्त्रित करेंगे। हर व्यक्ति अपने अंजीर के पेड़ तथा अंगूर की बेल के नीचे अमन—चैन से रहेगा।”