Revelation of John 3

et angelo ecclesiae Sardis scribe haec dicit qui habet septem spiritus Dei et septem stellas scio opera tua quia nomen habes quod vivas et mortuus es
“सरदीस की कलीसिया के स्वर्गदूत को इस प्रकार लिख: “ऐसा वह कहता है जिसके पास परमेश्वर की सात आत्माएँ तथा सात तारे हैं, “मैं तुम्हारे कर्मों को जानता हूँ, लोगों का कहना है कि तुम जीवित हो किन्तु वास्तव में तुम मरे हुए हो।
esto vigilans et confirma cetera quae moritura erant non enim invenio opera tua plena coram Deo meo
सावधान रह! तथा जो कुछ शेष है, इससे पहले कि वह पूरी तरह नष्ट हो जाए, उसे सुदृढ़ बना क्योंकि अपने परमेश्वर की निगाह में मैंने तेरे कर्मों को उत्तम नहीं पाया है।
in mente ergo habe qualiter acceperis et audieris et serva et paenitentiam age si ergo non vigilaveris veniam tamquam fur et nescies qua hora veniam ad te
सो जिस उपदेश को तूने सुना है और प्राप्त किया है, उसे याद कर। उसी पर चल और मनफिराव कर। यदि तू जागा नहीं तो अचानक चोर के समान मैं चला आऊँगा। मैं तुझे कब अचरज में डाल दूँ, तुझे पता भी नहीं चल पाएगा।
sed habes pauca nomina in Sardis qui non inquinaverunt vestimenta sua et ambulabunt mecum in albis quia digni sunt
“कुछ भी हो सरदीस में तेरे पास कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने को अशुद्ध नहीं किया है। वे श्वेत वस्त्र धारण किए हुए मेरे साथ-साथ घूमेंगे क्योंकि वे सुयोग्य हैं।
qui vicerit sic vestietur vestimentis albis et non delebo nomen eius de libro vitae et confitebor nomen eius coram Patre meo et coram angelis eius
जो विजयी होगा वह इसी प्रकार श्वेत वस्त्र धारण करेगा। मैं जीवन की पुस्तक से उसका नाम नहीं मिटाऊँगा, बल्कि मैं तो उसके नाम को अपने परम पिता और उसके स्वर्गदूतों के सम्मुख मान्यता प्रदान करूँगा।
qui habet aurem audiat quid Spiritus dicat ecclesiis
जिसके पास कान है, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रही है।
et angelo Philadelphiae ecclesiae scribe haec dicit sanctus et verus qui habet clavem David qui aperit et nemo cludit et cludit et nemo aperit
“फिलादेलफिया की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख: “वह जो पवित्र और सत्य है तथा जिसके पास दाऊद की कुंजी है जो ऐसा द्वार खोलता है जिसे कोई बंद नहीं कर सकता, तथा जो ऐसा द्वार बंद करता है, जिसे कोई खोल नहीं सकता; इस प्रकार कहता है।
scio opera tua ecce dedi coram te ostium apertum quod nemo potest cludere quia modicam habes virtutem et servasti verbum meum et non negasti nomen meum
“मैं तुम्हारे कर्मों को जानता हूँ। देखो मैंने तुम्हारे सामने एक द्वार खोल दिया है, जिसे कोई बंद नहीं कर सकता। मैं जानता हूँ कि तेरी शक्ति थोड़ी सी है किन्तु तूने मेरे उपदेशों का पालन किया है तथा मेरे नाम को नकारा नहीं है।
ecce dabo de synagoga Satanae qui dicunt se Iudaeos esse et non sunt sed mentiuntur ecce faciam illos ut veniant et adorent ante pedes tuos et scient quia ego dilexi te
सुनो कुछ ऐसे हैं जो शैतान की मण्डली के हैं तथा जो यहूदी न होते हुए भी अपने को यहूदी कहते हैं, जो मात्र झूठे हैं, मैं उन्हें यहाँ आने को विवश करके तेरे चरणों तले झुका दूँगा तथा मैं उन्हें विवश करूँगा कि वे यह जानें कि तुम मेरे प्रिय हो।
quoniam servasti verbum patientiae meae et ego te servabo ab hora temptationis quae ventura est in orbem universum temptare habitantes in terra
क्योंकि तुमने धैर्यपूर्वक सहनशीलता के मेरे आदेश का पालन किया है। बदले में मैं भी उस परीक्षा की घड़ी से तुम्हारी रक्षा करूँगा जो इस धरती पर रहने वालों को परखने के लिए समूचे संसार पर बस आने ही वाली है।
venio cito tene quod habes ut nemo accipiat coronam tuam
“मैं बहुत जल्दी आ रहा हूँ। जो कुछ तुम्हारे पास है, उस पर डटे रहो ताकि तुम्हारे विजय मुकुट को कोई तुमसे न ले ले।
qui vicerit faciam illum columnam in templo Dei mei et foras non egredietur amplius et scribam super eum nomen Dei mei et nomen civitatis Dei mei novae Hierusalem quae descendit de caelo a Deo meo et nomen meum novum
जो विजयी होगा उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर का स्तम्भ बनाऊँगा। फिर कभी वह इस मन्दिर से बाहर नहीं जाएगा। तथा मैं अपने परमेश्वर का और अपने परमेश्वर की नगरी का नए यरूशलेम का नाम उस पर लिखूँगा, जो मेरे परमेश्वर की ओर से स्वर्ग से नीचे उतरने वाली है। उस पर मैं अपना नया नाम भी लिखूँगा।
qui habet aurem audiat quid Spiritus dicat ecclesiis
जो सुन सकता है, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रही है?
et angelo Laodiciae ecclesiae scribe haec dicit Amen testis fidelis et verus qui est principium creaturae Dei
“लौदीकिया की कलीसिया के स्वर्गदूत को यह लिख: “जो आमीन है, विश्वासपूर्ण है तथा सच्चा साक्षी है, जो परमेश्वर की सृष्टि का शासक है, इस प्रकार कहता है:
scio opera tua quia neque frigidus es neque calidus utinam frigidus esses aut calidus
“मैं तेरे कर्मों को जानता हूँ और यह भी कि न तो तू शीतल होता है और न गर्म।
sed quia tepidus es et nec frigidus nec calidus incipiam te evomere ex ore meo
इसलिए क्योंकि तू गुनगुना है न गर्म और न ही शीतल, मैं तुझे अपने मुख से उगलने जा रहा हूँ।
quia dicis quod dives sum et locupletatus et nullius egeo et nescis quia tu es miser et miserabilis et pauper et caecus et nudus
तू कहता है, मैं धनी हो गया हूँ और मुझे किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं है किन्तु तुझे पता नहीं है कि तू अभागा है, दयनीय है, दीन है, अंधा है और नंगा है।
suadeo tibi emere a me aurum ignitum probatum ut locuples fias et vestimentis albis induaris et non appareat confusio nuditatis tuae et collyrio inungue oculos tuos ut videas
मैं तुझे सलाह देता हूँ कि तू मुझसे आग में तपाया हुआ सोना मोल ले ले ताकि तू सचमुच धनवान हो जाए। पहनने के लिए श्वेत वस्त्र भी मोल ले ले ताकि तेरी लज्जापूर्ण नग्नता का तमाशा न बने। अपने नेत्रों में आँजने के लिए तू अंजन भी ले ले ताकि तू देख पाए।
ego quos amo arguo et castigo aemulare ergo et paenitentiam age
“उन सभी को जिन्हें मैं प्रेम करता हूँ, मैं डाँटता हूँ और अनुशासित करता हूँ। तो फिर कठिन जतन और मनफिराव कर।
ecce sto ad ostium et pulso si quis audierit vocem meam et aperuerit ianuam introibo ad illum et cenabo cum illo et ipse mecum
सुन, मैं द्वार पर खड़ा हूँ और खटखटा रहा हूँ। यदि कोई मेरी आवाज़ सुनता है और द्वार खोलता है तो मैं उसके घर में प्रवेश करूँगा तथा उसके साथ बैठकर खाना खाऊँगा और वह मेरे साथ बैठकर खाना खाएगा।
qui vicerit dabo ei sedere mecum in throno meo sicut et ego vici et sedi cum Patre meo in throno eius
“जो विजयी होगा मैं उसे अपने साथ अपने सिंहासन पर बैठने का गौरव प्रदान करूँगा। ठीक वैसे ही जैसे मैं विजयी बनकर अपने पिता के साथ उसके सिंहासन पर बैठा हूँ।
qui habet aurem audiat quid Spiritus dicat ecclesiis
जो सुन सकता है सुने, कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रही है।”