dicentes ubi est promissio aut adventus eius ex quo enim patres dormierunt omnia sic perseverant ab initio creaturae
और कहेंगे, “क्या हुआ उसके फिर से आने की प्रतिज्ञा का? क्योंकि हमारे पूर्वज तो चल बसे। पर जब से सृष्टि बनी है, हर बार, वैसे की वैसी ही चली आ रही है।”