I Chronicles 22

Y DIJO David: Ésta es la casa de JEHOVÁ Dios, y éste es el altar del holocausto para Israel.
दाऊद ने कहा, “यहोवा परमेश्वर का मन्दिर और इस्राएल के लोगों के लिये भेंटों को जलाने की वेदी यहाँ बनेगी।”
Después mandó David que se juntasen los extranjeros que estaban en la tierra de Israel, y señaló de ellos canteros que labrasen piedras para edificar la casa de Dios.
दाऊद ने आदेश दिया कि इस्राएल में रहने वले सभी विदेशी एक साथ इकट्ठे हों। विदेशियों के उस समूह में से दाऊद ने संगतराशों को चुना। उनका काम परमेश्वर के मन्दिर के लिये पत्थरों को काट कर तैयार करना था।
Asimismo aparejó David mucho hierro para la clavazón de las puertas, y para las junturas; y mucho metal sin peso, y madera de cedro sin cuenta.
दाऊद ने द्वार के पल्लों के लिये कीलें तथा चूलें बनाने के लिए लोहा प्राप्त किया। दाऊद ने उतना काँसा भी प्राप्त किया जो तौला न जा सके
Porque los Sidonios y Tirios habían traído á David madera de cedro innumerable.
और दाऊद ने इतने अधिक देवदारु के लट्ठे इकट्ठे किये जो गिने न जा सकें। सीदोन और सोर के लोग बहुत से देवदारु के लट्ठे लाए।
Y dijo David: Salomón mi hijo es muchacho y tierno, y la casa que se ha de edificar á JEHOVÁ ha de ser magnífica por excelencia, para nombre y honra en todas las tierras; ahora pues yo le aparejaré lo necesario. Y preparó David antes de su muerte en grande abundancia.
दाऊद ने कहा, “हमें यहोवा के लिये एक विशाल मन्दिर बनाना चाहिए। किन्तु मेरा पुत्र सुलैमान बालक है और वह उन सब चीजों को नहीं सीख सका है जो उसे जानना चाहिये। यहोवा का मन्दिर बहुत विशाल होना चाहिये। इस अपनी विशालता और सुन्दरता के लिये सभी राष्ट्रों में प्रसिद्ध होना चाहिये। यही कारण है कि मैं यहोवा का मन्दिर बनाने की योजना बनाऊँगा।” इसलिये दाऊद ने मरने से पहले मन्दिर बनाने के लिये बहुत सी योजनायें बनाई।
Llamó entonces David á Salomón su hijo, y mandóle que edificase casa á JEHOVÁ Dios de Israel.
तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को बुलाया। दाऊद ने सुलैमान से इस्राएल के यहोवा परमेश्वर के लिये मन्दिर बनाने को कहा।
Y dijo David á Salomón: Hijo mío, en mi corazón tuve el edificar templo al nombre de JEHOVÁ mi Dios.
दाऊद ने सुलैमान से कहा, “मेरे पुत्र, मैं अपने परमेश्वर यहोवा के नाम के लिये एक मन्दिर बनाना चाहता था।
Mas vino á mí palabra de JEHOVÁ, diciendo: Tú has derramado mucha sangre, y has traído grandes guerras: no edificarás casa á mi nombre, porque has derramado mucha sangre en la tierra delante de mí:
किन्तु यहोवा ने मुझसे कहा, दाऊद तुमने बहुत से युद्ध किये हैं और बहुत से लोगों को मारा है इसलिये तुम मेरे नाम के लिये मन्दिर नहीं बना सकते
He aquí, un hijo te nacerá, el cual será varón de reposo, porque yo le daré quietud de todos sus enemigos en derredor; por tanto su nombre será Salomón; y yo daré paz y reposo sobre Israel en sus días:
किन्तु तुम्हारा एक पुत्र है जो शान्ति प्रिय है। मैं तुम्हारे पुत्र को शान्ति प्रदान करूँगा। उसके चारों ओर के शत्रु उसे परेशान नहीं करेंगे। उसका नाम सुलैमान है और मैं इस्राएल को उस समय सुख शान्ति दूँगा जिस समय सुलैमान राजा रहेगा।
Él edificará casa á mi nombre, y él me será á mí por hijo, y yo le seré por padre; y afirmaré el trono de su reino sobre Israel para siempre.
सुलैमान मेरे नाम का एक मन्दिर बनायेगा। सुलैमान मेरा पुत्र और मैं उसका पिता रहूँगा और मैं सुलैमान के राज्य को शक्तिशाली बनाऊँगा और उसके परिवार का कोई सदस्य सदा इस्राएल पर राज्य करेगा।”
Ahora pues, hijo mío, sea contigo JEHOVÁ, y seas prosperado, y edifiques casa á JEHOVÁ tu Dios, como él ha dicho de ti.
दाऊद ने यह भी कहा, “पुत्र, अब यहोवा तुम्हारे साथ रहे। तुम सफल बनो और जैसा यहोवा ने कहा है, अपने यहोवा परमेश्वर का मन्दिर बनाओ।
Y JEHOVÁ te dé entendimiento y prudencia, y él te dé mandamientos para Israel; y que tú guardes la ley de JEHOVÁ tu Dios.
यहोवा तुम्हें इस्राएल का राजा बनाएगा। यहोवा तुम्हें बुद्धि और समझ दे जिससे तुम लोगों का मार्गदर्शन कर सको और अपने यहोवा परमेश्वर की व्यवस्था का पालन कर सको
Entonces serás prosperado, si cuidares de poner por obra los estatutos y derechos que JEHOVÁ mandó á Moisés para Israel. Esfuérzate pues, y cobra ánimo; no temas, ni desmayes.
और तुम्हें सफलता तब मिलेगी जब तुम उन नियमों और व्यवस्था के पालन में सावधान रहोगे जो यहोवा ने मूसा को इस्राएल के लिये दी थी। तुम शक्तिशाली और वीर बनो। डरो नहीं।
He aquí, yo en mi estrechez he prevenido para la casa de JEHOVÁ cien mil talentos de oro, y un millar de millares de talentos de plata: no tiene peso el metal ni el hierro, porque es mucho. Asimismo he aprestado madera y piedra, á lo cual tú añadirás.
“सुलैमान, मैंने यहोवा के मन्दिर की योजना बनाने में बड़ा परिश्रम किया है। मैंने तीन हजार सात सौ पचास टन सोना दिया है और मैंने लगभग सैंतीस हजार पाँच सौ टन चाँदी दी है। मैंने काँसा और लोहा इतना अधिक दिया है कि वह तौला नहीं जा सकता और मैंने लकड़ी एवं पत्थर दिये हैं। सुलैमान, तुम उसे और अधिक कर सकते हो।
Tú tienes contigo muchos oficiales, canteros, albañiles, y carpinteros, y todo hombre experto en toda obra.
तुम्हारे पास बहुत से संगतराश और बढ़ई हैं। तुम्हारे पास हर एक प्रकार के काम करने वाले कुशल व्यक्ति हैं।
Del oro, de la plata, del metal, y del hierro, no hay número. Levántate pues, y á la obra; que JEHOVÁ será contigo.
वे सोना, चाँदी काँसा, और लोहे का काम करने में कुशल हैं। तुम्हारे पास इतने अधिक कुशल व्यक्ति हैं कि वे गिने नहीं जा सकते। अब काम आरम्भ करो और यहोवा तुम्हारे साथ है।”
Asimismo mandó David á todos los principales de Israel que diesen ayuda á Salomón su hijo, diciendo:
तब दाऊद ने इस्राएल के सभी प्रमुखों को अपने पुत्र सुलैमान की सहायता करने का आदेश दिया।
¿No es con vosotros JEHOVÁ vuestro Dios, el cual os ha dado quietud de todas partes? porque él ha entregado en mi mano los moradores de la tierra, y la tierra ha sido sujetada delante de JEHOVÁ, y delante de su pueblo.
दाऊद ने उन प्रमुखों से कहा, “यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारे साथ है। उसने तुम्हें शान्ति का समय दिया है। यहोवा ने हम लोगों के चारों ओर रहने वाले लोगों को पराजित करने में सहायता की है। अब यहोवा और उसके लोगों ने इस भूमि पर पूरा अधिकार किया है।
Poned, pues, ahora vuestros corazones y vuestros ánimos en buscar á JEHOVÁ vuestro Dios; y levantaos, y edificad el santuario del Dios JEHOVÁ, para traer el arca del pacto de JEHOVÁ, y lo santos vasos de Dios, á la casa edificada al nombre de JEHOVÁ.
अब तुम अपने हृदय और आत्मा को अपने यहोवा परमेश्वर को समर्पित कर दो और वह जो कहे, करो। यहोवा परमेश्वर का पवित्र स्थान बनाओ। यहोवा के नाम के लिये मन्दिर बनाओ। तब साक्षिपत्र का सन्दूक तथा अन्य सभी पवित्र चीजें मन्दिर में लाओ।”