किन्तु यदि उसका पति उसके दिये गए वचन को सुनता है और उसे वचन पूरा करने से इन्कार करता है, तो उसे अपने दिये वचन के अनुसार वह कार्य पूरा नहीं करना पड़ेगा। इसका कोई महत्व नहीं होगा कि उसने क्या वचन दिया था, उसका पति उस वचन को भंग कर सकता है। यदि उसका पति वचन को भंग करता है, तो यहोवा उसे क्षमा करेगा।
لیکن اگر اُس کا شوہر اُسے ایسا کرنے سے منع کرے تو اُس کی مَنت یا قَسم منسوخ ہے۔ وہ اُسے پورا کرنے سے بَری ہے۔ رب اُسے معاف کرے گا، کیونکہ اُس کے شوہر نے اُسے منع کیا ہے۔