जो तुरही बजा रहे थे और गा रहे थे, वे एक व्यक्ति की तरह थे। जब वे यहोवा की स्तुति करते थे और उसे धन्यवाद देते थे तब वे एक ही ध्वनि करते थे। तुरही, झाँझ तथा अन्य वाद्य यन्त्रों पर वे तीव्र घोष करते थे, उन्होंने यहोवा की स्तुति में यह गीत गया
“यहोवा की स्तुति करो क्योंकि वह भला है।
उसका प्रेम शाश्वत है।”
तब यहोवा का मन्दिर मेघ से भर उठा।
وظیفهٔ شیپورچیها و سرایندگان این بود که در ستایش و پرستش همنوایی کنند و هنگامیکه آواز ایشان برخاست، با صدای سنج و شیپور و بقیّهٔ سازها، در ستایش خداوند خواندند که: او نیکوست،
و محبّت او تا ابد پایدار است.
در آن هنگام معبد بزرگ پر از ابر شد.