वह जो कुछ हम कहते हैं, उसे स्वीकार नहीं करेगा। इस कारण यदि मैं आऊँगा तो बताऊँगा कि वह क्या कर रहा है। वह झूठे तौर पर अपशब्दों के साथ मुझ पर दोष लगाता है और इन बातों से ही वह संतुष्ट नहीं है। वह हमारे बंधुओं के प्रति आदर सत्कार नहीं दिखाता है बल्कि जो ऐसा करना चाहते हैं, उन्हें भी बाधा पहुँचाता है और उन्हें कलीसिया से बाहर धकेल देता है।
مِنْ أَجْلِ ذلِكَ، إِذَا جِئْتُ فَسَأُذَكِّرُهُ بِأَعْمَالِهِ الَّتِي يَعْمَلُهَا، هَاذِرًا عَلَيْنَا بِأَقْوَال خَبِيثَةٍ. وَإِذْ هُوَ غَيْرُ مُكْتَفٍ بِهذِهِ، لاَ يَقْبَلُ الإِخْوَةَ، وَيَمْنَعُ أَيْضًا الَّذِينَ يُرِيدُونَ، وَيَطْرُدُهُمْ مِنَ الْكَنِيسَةِ.