Egyptské i Judské, a Idumejské i Ammonitské, a Moábské, i všecky, kteříž v nejzadnějším koutě bydlí na poušti. Nebo ti všickni národové jsou neobřezaní, tolikéž všecken dům Izraelský jest neobřezaného srdce.
मैं मिस्र, यहूदा, एदोम, अम्मोन तथा मोआब के राष्ट्रों और उन सभी लोगों के बारे में बातें कर रहा हूँ जो मरुभूमि में रहते हैं जो दाढ़ी के किनारों के बालों को काटते हैं। उन सभी देशों के लोगों ने अपने शरीर का खतना नहीं करवाया है। किन्तु इस्राएल के परिवार के लोगों ने हृदय से खतना को नहीं ग्रहण किया है, जैसे कि परमेश्वर के लोगों को करना चाहिए।”