فَتَكُونُ ثَرْوَتُهُمْ غَنِيمَةً وَبُيُوتُهُمْ خَرَابًا، وَيَبْنُونَ بُيُوتًا وَلاَ يَسْكُنُونَهَا، وَيَغْرِسُونَ كُرُومًا وَلاَ يَشْرَبُونَ خَمْرَهَا.
तब अन्य लोग उनकी सारी सम्पत्ति लेंगे तथा उनके घरों को नष्ट करेंगे। उस समय जिन लोगों ने घर बनाए होंगे, वे उनमें नहीं रहेंगे और जिन लोगों ने अंगूर की बेलें खेतों में रोपी होंगी, वे उन अंगूरों का दाखमधु नहीं पीएंगे, उन चीज़ों को अन्य लोग लेंगे।”