وَالرَّذِيلُ مُحْتَقَرٌ فِي عَيْنَيْهِ، وَيُكْرِمُ خَائِفِي الرَّبِّ. يَحْلِفُ لِلضَّرَرِ وَلاَ يُغَيِّرُ.
वह उन लोगों का आदर नहीं करता जो परमेश्वर से घृणा रखते हैं।
और वह उन सभी का सम्मान करता है, जो यहोवा के सेवक हैं।
ऐसा मनुष्य यदि कोई वचन देता है
तो वह उस वचन को पूरा भी करता है, जो उसने दिया था।