رُؤَسَاؤُهَا يَقْضُونَ بِالرَّشْوَةِ، وَكَهَنَتُهَا يُعَلِّمُونَ بِالأُجْرَةِ، وَأَنْبِيَاؤُهَا يَعْرِفُونَ بِالْفِضَّةِ، وَهُمْ يَتَوَكَّلُونَ عَلَى الرَّبِّ قَائِلِينَ: «أَلَيْسَ الرَّبُّ فِي وَسَطِنَا؟ لاَ يَأْتِي عَلَيْنَا شَرٌّ!».
यरूशलेम के न्यायाधीश उनके पक्ष में जो न्यायालय में जीतेगा,
निर्णर्य देने के लिए घूस लिया करते हैं।
यरूशलेम के याजकों को धन देना पड़ता है,
इसके पहले कि वे लोगों को सीख दें।
लोगों को नबियों को धन देना पड़ता है।
इसके पहले कि वे भविष्य में झाँकें और फिर भी वे मुखिया सोचते हैं
कि उन पर कोई दण्ड नहीं पड़ सकता।
वे सोचा करते हैं, यहोवा उनको बचा लेगा और वे कहते हैं, “यहोवा हमारे बीच रहता है।
इसलिए हमारे साथ कोई बुरी बात घट नहीं सकती है।”