وَيُعَوِّضُ عَمَّا أَخْطَأَ بِهِ مِنَ الْقُدْسِ، وَيَزِيدُ عَلَيْهِ خُمْسَهُ، وَيَدْفَعُهُ إِلَى الْكَاهِنِ، فَيُكَفِّرُ الْكَاهِنُ عَنْهُ بِكَبْشِ الإِثْمِ، فَيُصْفَحُ عَنْهُ.
उस व्यक्ति को पवित्र चीजों के विपरीत किये गये पाप के लिए भुगतान अवश्य करना चाहिए। जिन चीज़ों का उसने वायदा किया है, वे अवश्य देनी चाहिए। उसे मूल्य में पाँचवाँ भाग जोड़ना चाहिए। उसे यह धन याजक को देना चाहिए। इस प्रकार याजक दोषबलि के मेढ़े द्वारा उस व्यक्ति के पाप को धोएगा और यहोवा उसके पाप को क्षमा करेगा।