وَأَنَا قُلْتُ: كَيْفَ أَضَعُكِ بَيْنَ الْبَنِينَ، وَأُعْطِيكِ أَرْضًا شَهِيَّةً، مِيرَاثَ مَجْدِ أَمْجَادِ الأُمَمِ؟ وَقُلْتُ: تَدْعِينَنِي يَا أَبِي، وَمِنْ وَرَائِي لاَ تَرْجِعِينَ.
मैंने अर्थात् यहोवा ने अपने से कहा,
“मैं तुमसे अपने बच्चों का सा व्यवहार करना चाहता हूँ,
मैं तुम्हें एक सुहावना देश देना चाहता हूँ।
वह देश जो किसी भी राष्ट्र से अधिक सुन्दर होगा।
मैंने सोचा था कि तुम मुझे ‘पिता’ कहोगे।
मैंने सोचा था कि तुम मेरा सदैव अनुसरण करोगे।
किन्तु तुम उस स्त्री की तरह हुए जो पतिव्रता नहीं रही।
इस्राएल के परिवार, तुम मेरे प्रति विश्वासघाती रहे!”
यह सन्देश यहोवा का था।