فَقَالَ الْمَلِكُ لأَسْتِيرَ عِنْدَ شُرْبِ الْخَمْرِ: «مَا هُوَ سُؤْلُكِ فَيُعْطَى لَكِ؟ وَمَا هِيَ طِلْبَتُكِ؟ إِلَى نَُِصْفِ الْمَمْلَكَةِ تُقْضَى».
जब वे दाखमधु पी रहे थे तभी महाराजा ने एस्तेर से फिर पूछा, “एस्तेर, कहो अब तुम क्या माँगना चाहती हो? कुछ भी माँग लो, मैं तुम्हें वही दे दूँगा। कहो तो वह क्या है जिसकी तुम्हें इच्छा है? तुम्हारी जो भी इच्छा होगी, वही मैं तुम्हें दूँगा। अपने राज्य का आधा भाग तक।”