وَطَلَبَ أَخَزْيَا فَأَمْسَكُوهُ وَهُوَ مُخْتَبِئٌ فِي السَّامِرَةِ، وَأَتَوْا بِهِ إِلَى يَاهُو وَقَتَلُوهُ وَدَفَنُوهُ، لأَنَّهُمْ قَالُوا: « إِنَّهُ ابْنُ يَهُوشَافَاطَ الَّذِي طَلَبَ الرَّبَّ بِكُلِّ قَلْبِهِ». فَلَمْ يَكُنْ لِبَيْتِ أَخَزْيَا مَنْ يَقْوَى عَلَى الْمَمْلَكَةِ.
तब येहू अहज्याह की खोज में था। येहू के लोगों ने उसे उस समय पकड़ लिया जब वह शोमरोन नगर में छिपने का प्रयत्न कर रहा था। वे अहज्याह को येहू के पास लाए। उन्होंने अहज्याह को मार दिया और उसे दफना दिया। उन्होंने कहा, “अहज्याह यहोशापात का वंशज है। यहोशापात ने पूरे हृदय से यहोवा का अनुसरण किया था।” अहज्याह के परिवार में वह शक्ति नहीं थी कि यहूदा के राज्य को अखण्ड रख सके।