وَكَلَّمَ صَمُوئِيلُ كُلَّ بَيْتِ إِسْرَائِيلَ قَائِلاً: «إِنْ كُنْتُمْ بِكُلِّ قُلُوبِكُمْ رَاجِعِينَ إِلَى الرَّبِّ، فَانْزِعُوا الآلِهَةَ الْغَرِيبَةَ وَالْعَشْتَارُوثَ مِنْ وَسْطِكُمْ، وَأَعِدُّوا قُلُوبَكُمْ لِلرَّبِّ وَاعْبُدُوهُ وَحْدَهُ، فَيُنْقِذَكُمْ مِنْ يَدِ الْفِلِسْطِينِيِّينَ».
शमूएल ने इस्राएल के लोगों से कहा, “यदि तुम सचमुच यहोवा के पास सच्चे हृदय से लौट रहे हो तो तुम्हें विदेशी देवताओं को फेंक देना चाहिये। तुम्हें अश्तोरेत की मूर्तियों को फेंक देना चाहिये और तुम्हें पूरी तरह यहोवा को अपना समर्पण करना चाहिये! तुम्हें केवल यहोवा की ही सेवा करनी चाहिये। तब यहोवा तुम्हें पलिश्तियों से बचायेगा।”