दूसरे व्यक्ति के बारे में कोई व्यक्ति सच नहीं बोलता। लोग अदालत में एक दूसरे के खिलाफ़ मुकद्दमा करते हैं। अपने मुकद्दमे जीतने के लिये वे झूठे तकर् पर निर्भर करते हैं। वे एक दूसरे के बारे में परस्पर झूठ बोलते हैं। वे कष्ट को गर्भ में धारण करते हैं और बुराईयों को जन्म देते हैं।
वे साँप के विष भरे अण्डों के समान बुराई को सेते हैं। यदि उनमें से तुम एक अण्डा भी खा लो तो तुम्हारी मृत्यु हो जाये और यदि तुम उनमें से किसी अण्डे को फोड़ दो तो एक ज़हरीला नाग बाहर निकल पड़े। लोग झूठ बोलते हैं। यह झूठ मकड़ी के जालों जैसी कपड़े नहीं बन सकते।
ऐसे लोग अपने पैरों का प्रयोग बदी के पास पहुँचने के लिए करते हैं। ये लोग निर्दोष व्यक्तियों को मार डालने की जल्दी में रहते हैं। वे बुरे विचारों में पड़े रहते हैं। वे जहाँ भी जाते हैं विनाश और विध्वंस फैलाते हैं।
ऐसे लोग शांति का मार्ग नहीं जानते। उनके जीवन में नेकी तो होती ही नहीं। उनके रास्ते ईमानदारी के नहीं होते। कोई भी व्यक्ति जो उनके जैसा जीवन जीता है, अपने जीवन में कभी शांति नहीं पायेगा।
इसलिए परमेश्वर का न्याय और मुक्ति हमसे बहुत दूर है।
हम प्रकाश की बाट जोहते हैं।
पर बस केवल अन्धकार फैला है।
हमको चमकते प्रकाश की आशा है
किन्तु हम अन्धेरे में चल रहे हैं।
हम ऐसे लोग हैं जिनके पास आँखें नहीं है।
नेत्रहीन लोगों के समान हम दीवारों को टटोलते चलते हैं।
हम ठोकर खाते हैं और गिर जाते हैं जैसे यह रात हो।
दिन के प्रकाश में भी हम मुर्दों की भाँति गिर पड़ते हैं।
हम सब बहुत दु:खी हैं।
हम सब ऐसे कराहते हैं जैसे कोई रीछ और कोई कपोत कराहता हैं।
हम ऐसे उस समय की बाट जोह रहे हैं जब लोग निष्पक्ष होंगे किन्तु अभी तक तो कहीं भी नेकी नहीं है।
हम उद्धार की बाट जोह रहे हैं किन्तु उद्धार बहुत—बहुत दूर है।
क्यों क्योंकि हमने अपने परमेश्वर के विरोध में बहुत पाप किये हैं।
हमारे पाप बताते हैं कि हम बहुत बुरे हैं।
हमें इसका पता है कि हम इन बुरे कर्मों को करने के अपराधी हैं।
हमने पाप किये थे और हमने अपने यहोवा से मुख मोड़ लिया था।
यहोवा से हम विमुख हुए और उसे त्याग दिया। हमने बुरे कर्मों की योजना बनाई थी।
हमने ऐसी उन बातों की योजना बनाई थी जो हमारे परमेश्वर के विरोध में थी।
हमने वे बातें सोची थी और दूसरों को सताने की योजना बनाई थी।
यहोवा ने खोज देखा किन्तु उसे कोई व्यक्ति नहीं मिला
जो लोगों के साथ खड़ा हो और उनको सहारा दे।
इसलिये यहोवा ने स्वयं अपनी शक्ति का और स्वयं अपनी नेकी का प्रयोग किया
और यहोवा ने लोगों को बचा लिया।
यहोवा अपने शत्रु पर क्रोधित है सो यहोवा उन्हें ऐसा दण्ड देगा जैसा उन्हें मिलना चाहिये।
यहोवा अपने शत्रुओं से कुपित है सो यहोवा सभी दूर—दूर के देशों के लोगों को दण्ड देगा।
यहोवा उन्हें वैसा दण्ड देगा जैसा उन्हें मिलना चाहिये।
फिर पश्चिम के लोग यहोवा के नाम को आदर देंगे
और पूर्व के लोग यहोवा की महिमा से भय विस्मित हो जायेंगे।
यहोवा ऐसे ही शीघ्र आ जायेगा जैसे तीव्र नदी बहती हुई आ जाती है।
यह उस तीव्र वायु वेग सा होगा जिसे यहोवा उस नदी को तूफान बहाने के लिये भेजता है।
यहोवा कहता है: “मैं उन लोगों के साथ एक वाचा करूँगा। मैं वचन देता हूँ मेरी आत्मा और मेरे शब्द जिन्हें मैं तेरे मुख में रख रहा हूँ तुझे कभी नहीं छोड़ेंगे। वे तेरी संतानों और तेरे बच्चों के बच्चों के साथ रहेंगे। वे आज तेरे साथ रहेंगे और सदा—सदा तेरे साथ रहेंगे।”