et non obtulerit ad ostium tabernaculi oblationem Domino sanguinis reus erit quasi sanguinem fuderit sic peribit de medio populi sui
वह व्यक्ति उस जानवर को मिलापवाले तम्बू के द्वारा पर लाएगा उसे उस जानवर का एक भाग यहोवा को भेंट के रूप में देना चाहिए। उस व्यक्ति ने खून बहाया है, मारा है इसलिए उसे यहोवा के पवित्र तम्बू में भेंट ले जानी चाहिए। यदि वह जानवर के भाग को भेंट के रूप में यहोवा को नहीं ले जाता तो उसे अपने लोगों से अलग कर देना चाहिए।
ideo offerre debent sacerdoti filii Israhel hostias suas quas occidunt in agro ut sanctificentur Domino ante ostium tabernaculi testimonii et immolent eas hostias pacificas Domino
यह नियम इसलिए है कि लोग मेलबलि यहोवा को अर्पित करें। इस्राएल के लोगों को उन जानवरों को लाना चाहिए जिन्हें वे मैदानों में मारते हैं। उन्हें उन जानवरों को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर लाना चाहिए। उन्हें उन जानवरों को याजक के पास लाना चाहिए।
fundetque sacerdos sanguinem super altare Domini ad ostium tabernaculi testimonii et adolebit adipem in odorem suavitatis Domino
तब याजक उन जानवरों का खून मिलापवाले तम्बू के द्वार के समीप यहोवा की वेदी तक फेंकेगा और याजक उन जानवरों की चर्बी को वेदी पर जलाएगा। यह यहोवा के लिए मधुर सुगन्ध होगी।
et nequaquam ultra immolabunt hostias suas daemonibus cum quibus fornicati sunt legitimum sempiternum erit illis et posteris eorum
उन्हें आगे अब कोई भी भेंट ‘बकरे की मूर्तियों’ को नहीं चढ़ानी चाहिए। ये लोग उन अन्य देवताओं के पीछे लग चुके हैं। इस प्रकार उन्होंने वेश्याओं जैसा काम किया है। ये नियम सदैव ही रहेंगे!
et ad ostium tabernaculi testimonii non adduxerit eam ut offeratur Domino interibit de populo suo
उस व्यक्ति को वह बलि मिलापवाले तम्बू के द्वार पर ले जानी चाहिए और उसे यहोवा को चढ़ानी चाहिए। यदि वह व्यक्ति ऐसा नहीं करता तो उसे अपने लोगों से अलग कर देना चाहिए।
homo quilibet de domo Israhel et de advenis qui peregrinantur inter eos si comederit sanguinem obfirmabo faciem meam contra animam illius et disperdam eam de populo suo
“मैं (परमेश्वर) हर ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध होऊँगा जो खून खाता है। चाहे वह इस्राएल का नागरिक हो या वह तुम्हारे बीच रहने वाला कोई विदेशी हो । मैं उसे उसके लोगों से अलग करूँगा।
quia anima carnis in sanguine est et ego dedi illum vobis ut super altare in eo expietis pro animabus vestris et sanguis pro animae piaculo sit
क्यों? क्योंकि प्राणी का जीवन खून में है। मैंने तुम्हें उस खून को वेदी पर डालने का नियम दिया है। तुम्हें अपने को शुद्ध करने के लिए यह करना चाहिए। तुम्हें वह खून उस जीवन के बदले में मुझे देना होगा जो तुम लेते हो।
homo quicumque de filiis Israhel et de advenis qui peregrinantur apud vos si venatione atque aucupio ceperit feram vel avem quibus vesci licitum est fundat sanguinem eius et operiat illum terra
“यदि कोई व्यक्ति किसी जंगली जानवर या पक्षी को पकड़ता है जिसे खाया जा सेक तो उस व्यक्ति को खून जमीन पर बहा देना चाहिए और मिट्टी से उसे ढक देना चाहिए। चाहे वह व्यक्ति इस्राएल का नागरिक हो या तुम्हारे बीच रहने वाले विदेशी।
anima enim omnis carnis in sanguine est unde dixi filiis Israhel sanguinem universae carnis non comedetis quia anima carnis in sanguine est et quicumque comederit illum interibit
तुम्हें यह क्यों करना चाहिए? क्योंकि यदि खून तब भी माँस में है तो उस जानवर का प्राण भी माँस में है। इसलिए मैं इस्राएल के लोगों को आदेश देता हूँ उस माँस को मत खाओ जिसमे खून हो! कोई भी व्यक्ति जो खून खाता है अपने लोगों से अलग कर दिया जाए।
anima quae comederit morticinum vel captum a bestia tam de indigenis quam de advenis lavabit vestes suas et semet ipsum aqua et contaminatus erit usque ad vesperum et hoc ordine mundus fiet
“यदि कोई व्यक्ति अपने आप मरे जानवर या किसी दूसरे जानवर द्वारा मारे गए जानवर को खाता है तो वह व्यक्ति सन्ध्या तक अशुद्ध रहेगा। उस व्यक्ति को अपने वस्त्र और अपना पूरा शरीर पानी से धोना चाहिए। चाहे वह व्यक्ति इस्राएल का नागरिक हो या तुम्हारे बीच रहने वाला कोई विदेशी।