Malachi 2

“याजकों, यह नियम तुम्हारे लिये हैं! मेरी सूनो! जो मैं कहता हूँ उस पर ध्यान दो। मेरे नाम का सम्मान करो!
et nunc ad vos mandatum hoc o sacerdotes
यदि तुम मेरे नाम का सम्मान नहीं करते तो तुम्हारे साथ बुरा घटित होगा। तुम आशीर्वाद दोगे, किन्तु वे अभिशाप बनेंगे। मैं बुरा घटित कराऊँगा क्योंकि तुम मेरे नाम का सम्मान नहीं करते!” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा!
si nolueritis audire et si nolueritis ponere super cor ut detis gloriam nomini meo ait Dominus exercituum mittam in vos egestatem et maledicam benedictionibus vestris et maledicam illis quoniam non posuistis super cor
“देखो, मैं तुम्हारे वंशजों को दण्ड दूँगा। याजकों, तुम पवित्र दिनों को मुझे बलि—भेंट करते हो। तुम गोबर और मरे जानवरों की अंतड़ियों को लेते हो और उन भागों को फेंक देते हो। किन्तु मैं उस गोबर को तुम्हारे चेहरों पर मलूंगा और तुम इसके साथ फेंक दिये जाओगे!
ecce ego proiciam vobis brachium et dispergam super vultum vestrum stercus sollemnitatum vestrarum et adsumet vos secum
तब तुम समझोगे कि मैं तुम्हें यह आदेश क्यों दे रहा हूँ मैं तुमको ये बातें इसलिये बता रहा हूँ कि लेवी के साथ मेरी वाचा चलती रहेगी।” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा।
et scietis quia misi ad vos mandatum istud ut esset pactum meum cum Levi dicit Dominus exercituum
यहोवा ने कहा, “मैंने यह वाचा लेवी के साथ की। मैंने उसे शान्तिपूर्ण जीवन देने की प्रतिज्ञा की और मैंने उसे वह दिया। लेवी ने मुझे सम्मान दिया। उसने मेरे नाम को सम्मान दिया।
pactum meum fuit cum eo vitae et pacis et dedi ei timorem et timuit me et a facie nominis mei pavebat
लेवी ने सच्ची शिक्षा दी।लेवी ने झूठे उपदेश नहीं दिये! लेवी ईमानदार और शान्तिप्रिय व्यक्ति था। लेवी ने मेरा अनुसरण किया और अनेक व्यक्तियों को पाप कर्मों से बचाया।
lex veritatis fuit in ore eius et iniquitas non est inventa in labiis eius in pace et in aequitate ambulavit mecum et multos avertit ab iniquitate
याजक को परमेश्वर के उपदेशों को जानना चाहिए। लोगों को याजक के पास जाने योग्य होना चाहिये और परमेश्वर की शिक्षा को सीखना चाहिये। याजक के लोगों के लिये परमेश्वर का दूत होना चाहिये।
labia enim sacerdotis custodient scientiam et legem requirent ex ore eius quia angelus Domini exercituum est
यहोवा ने कहा, “याजकों, तुमने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया! तुमने शिक्षाओं का उपयोग लोगों से बुरा काम कराने के लिये किया। तुमने लेवी के साथ किये गये वाचा को भ्रष्ट किया!” सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह सब कहा!
vos autem recessistis de via et scandalizastis plurimos in lege irritum fecistis pactum Levi dicit Dominus exercituum
“तुम उस तरह नहीं रहे जैसा रहने को मैंने कहा! तुमने हमारी शिक्षाओं को स्वीकार नहीं किया हैं! अत: मैं तुम्हें महत्वहीन बनाऊँगा, लोग तुम्हारा सम्मान नहीं करेंगे!”
propter quod et ego dedi vos contemptibiles et humiles omnibus populis sicut non servastis vias meas et accepistis faciem in lege
हम सब का एक ही पिता (परमेश्वर) है। उसी परमेश्वर ने हम सभी को बनाया! अत: लोग अपने भाईयों को क्यों ठगते हैं वे लोग प्रकट करते हैं कि वे उस वाचा का सम्मान नहीं करते। वे उस वाचा का सम्मान नहीं करते जिसे हमारे पूर्वजों ने परमेश्वर के साथ किया।
numquid non pater unus omnium nostrum numquid non Deus unus creavit nos quare ergo despicit unusquisque nostrum fratrem suum violans pactum patrum nostrorum
यहूदा के लोगों ने अन्य लोगों को ठगा। यरूशलेम और इस्राएल के लोगों ने भयंकर काम किये! यहूदा के निवासियों ने यहोवा के पवित्र मंदिर का सम्मान नहीं किया। परमेश्वर उस स्थान से प्रेम करता है। यहूदा के लोगों ने उन विदेशी स्त्रियों से विवाह किए जो झूठे देवों की पूजा किया करती थी!
transgressus est Iuda et abominatio facta est in Israhel et in Hierusalem quia contaminavit Iudas sanctificationem Domini quam dilexit et habuit filiam dei alieni
यहोवा उन लोगों को यहूदा के परिवार से दूर कर देगा। वे लोग यहोवा के पास भेंट ला सकते हैं, किन्तु उससे कोई सहायता नहीं मिलेगी।
disperdat Dominus virum qui fecerit hoc magistrum et discipulum de tabernaculis Iacob et offerentem munus Domino exercituum
तुम रो सकते हो और यहोवा की वेदी को आंसुओं से ढक सकते हो, किन्तु यहोवा तुम्हारी भेंट स्वीकार नहीं करेगा। यहोवा उन चीज़ों से प्रसन्न नहीं होगा, जिन्हें तुम उसके पास लाओगे।
et hoc rursum fecistis operiebatis lacrimis altare Domini fletu et mugitu ita ut ultra non respiciam ad sacrificium nec accipiam placabile quid de manu vestra
तुम पूछते हो, “हमारी भेंट यहोवा द्वारा स्वीकार क्यों नहीं की जातीं” क्यों क्योंकि यहोवा ने तुम्हारे किये बुरे कामों को देखा, वब तुम्हारे विरुद्ध साक्षी है। उसने देखा कि तुम अपनी पत्नी को ठगते हो। तुम उस स्त्री के साथ तबसे विवाहित हो जबसे तुम जवान हुए थे। वह तुम्हारी प्रेयसी थी। तब तुमने परस्पर प्रतिज्ञा की और वह तुम्हारी पत्नी हो गई। किन्तु तुमने उसे ठगा।
et dixistis quam ob causam quia Dominus testificatus est inter te et uxorem pubertatis tuae quam tu despexisti et haec particeps tua et uxor foederis tui
परमेश्वर चाहता है कि पति और पत्नी एक शरीर और एक आत्मा हो जायें। क्यों जिससे उनके बच्चे पवित्र हों। अत: उस आध्यात्मिक एकता की रक्षा करो। अपनी पत्नी को न ठगो। वह तुम्हारी पत्नी तब से है जब से तुम युवक हुए।
nonne unus fecit et residuum spiritus eius est et quid unus quaerit nisi semen Dei custodite ergo spiritum vestrum et uxorem adulescentiae tuae noli despicere
इस्राएल का परमेश्वर यहोवा कहता है, “मैं विवाह—विच्छेद से घृणा करता हूँ। मैं पुरूषों के क्रूर कामों से घृणा करता हूँ। अत: अपनी आत्मिक एकता की सुरक्षा करो। अपनी पत्नी को धोखा मत दो।”
cum odio habueris dimitte dicit Dominus Deus Israhel operiet autem iniquitas vestimentum eius dicit Dominus exercituum custodite spiritum vestrum et nolite despicere
तुमने गलत शिक्षा दी है। और उन गलत शिक्षाओं ने यहोवा को बहुत अधिक दु:खी किया है। तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर उन्हें पसन्द करता है जो बुरे काम करते हैं। तुमने कहा कि परमेश्वर उन्हें अच्छे लोग समझता है और तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर लोगों को बुरा काम करने के लिये दण्ड नहीं देता।
laborare fecistis Dominum in sermonibus vestris et dixistis in quo eum fecimus laborare in eo cum diceretis omnis qui facit malum bonus est in conspectu Domini et tales ei placent aut certe ubi est Deus iudicii