वे उन बुरे कामों के लिये लज्जित होंगे जो उन्होंने किये हैं। उन्हें मन्दिर की आकृति समझने दो। उन्हें यह सीखने दो कि वह कैसे बनेगा, उसका प्रवेश—द्वार, निकास—द्वार और इस पर की सारी रूपाकृतियाँ कहाँ होंगी। उन्हें इसके सभी नियमों और विधियों के बारे में सिखाओं और इन्हें लिखो जिससे वे सभी इन्हें देख सकें। तब वे मन्दिर के सभी नियमों और विधियों का पालन करेंगे। तब वे यह सब कुछ कर सकते हैं।
et erubescant ex omnibus quae fecerunt figuram domus et fabricae eius exitus et introitus et omnem descriptionem eius et universa praecepta eius cunctumque ordinem eius et omnes leges eius ostende eis et scribes in oculis eorum et custodiant omnes descriptiones eius et praecepta illius et faciant ea