शिमशोन ने कहा, “इन पलिश्सतों के साथ मुझें मरने दे।” तब उसने अपनी पूरी शक्ति से स्तम्भों को ठेला और मन्दिर शासकों तथा इनमें आए लोगों पर गिर पड़ा। इस प्रकार शिमशोन ने अपने जीवन काल में जितने पलिश्ती लोगों को मारा, उससे कहीं अधिक लोगों को उसने तब मारा, जब वह मरा।
وَقَالَ شَمْشُونُ: «لِتَمُتْ نَفْسِي مَعَ الْفِلِسْطِينِيِّينَ». وَانْحَنَى بِقُوَّةٍ فَسَقَطَ الْبَيْتُ عَلَى الأَقْطَابِ وَعَلَى كُلِّ الشَّعْبِ الَّذِي فِيهِ، فَكَانَ الْمَوْتَى الَّذِينَ أَمَاتَهُمْ فِي مَوْتِهِ، أَكْثَرَ مِنَ الَّذِينَ أَمَاتَهُمْ فِي حَيَاتِهِ.