اِسْمَعُوا لِي يَا عَارِفِي الْبِرِّ، الشَّعْبَ الَّذِي شَرِيعَتِي فِي قَلْبِهِ: لاَ تَخَافُوا مِنْ تَعْيِيرِ النَّاسِ، وَمِنْ شَتَائِمِهِمْ لاَ تَرْتَاعُوا،
अरे ओ उत्तमता को समझने वाले लोगों, तुम मेरी बात सुनो।
अरे ओ मेरी शिक्षाओं पर चलने वालों, तुम वे बातें सुनों जिनको मैं बताता हूँ।
दुष्ट लोगों से तुम मत डरो।
उन बुरी बातों से जिनको वे तुमसे कहते हैं, तुम भयभीत मत हो।