فِي الْيَوْمِ السَّابعِ لَمَّا طَابَ قَلْبُ الْمَلِكِ بِالْخَمْرِ، قَالَ لِمَهُومَانَ وَبِزْثَا وَحَرْبُونَا وَبِغْثَا وَأَبَغْثَا وَزِيثَارَ وَكَرْكَسَ، الْخِصْيَانِ السَّبْعَةِ الَّذِينَ كَانُوا يَخْدِمُونَ بَيْنَ يَدَيِ الْمَلِكِ أَحَشْوِيرُوشَ،
भोज के सातवें दिन महाराजा क्षयर्ष दाखमधु पीने के कारण मग्न था। उसने उन सात खोजों को आज्ञा दी जो उसकी सेवा किया करते थे। इन खोजों के नाम थे: महूमान, बिजता, हबौना, बिगता, अबगता, जेतेर और कर्कस। उन सातों खोजों को महाराजा ने आज्ञा दी कि वे राजमुकुट धारण किये हुए महारानी वशती को उसके पास ले आयें। उसे इसलिए आना था कि वह मुखियाओं और महत्वपूर्ण लोगों को अपनी सुन्दरता दिखा सके। वह सचमुच बहुत सुन्दर थी।