فَدَعَا أَخِيشُ دَاوُدَ وَقَالَ لَهُ: «حَيٌّ هُوَ الرَّبُّ، إِنَّكَ أَنْتَ مُسْتَقِيمٌ، وَخُرُوجُكَ وَدُخُولُكَ مَعِي فِي الْجَيْشِ صَالِحٌ فِي عَيْنَيَّ لأَنِّي لَمْ أَجِدْ فِيكَ شَرًّا مِنْ يَوْمِ جِئْتَ إِلَيَّ إِلَى الْيَوْمِ. وَأَمَّا فِي أَعْيُنِ الأَقْطَابِ فَلَسْتَ بِصَالِحٍ.
इसलिये आकीश ने दाऊद को बुलाया। आकीश ने कहा, “यहोवा शाश्वत है, तुम हमारे भक्त हो। मैं प्रसन्न होता कि तुम मेरी सेना में सेवा करते। जिस दिन से तुम मेरे पास आए हो, मैंने तुममें कोई दोष नहीं पाया है। पलिश्ती शासक भी समझते हैं कि तुम अच्छे व्यक्ति हो