Ουτοι ομως, ως αλογα φυσικα ζωα γεγεννημενα δια αλωσιν και φθοραν, βλασφημουσι περι πραγματων τα οποια αγνοουσι, και θελουσι καταφθαρη εν τη ιδια αυτων διαφθορα,
किन्तु ये लोग तो विचारहीन पशुओं के समान हैं जो अपनी सहजवृत्ति के अनुसार काम करते हैं। जिनका जन्म ही इसलिए होता है कि वे पकड़े जायें और मार डाले जायें। वे उन विषयों के विरोध में बोलते है, जिनके बारे में वे अबोध हैं। जैसे पशु मार डाले जाते हैं, वैसे ही इन्हें भी नष्ट कर दिया जायेगा।