“Diyorsunuz ki, ‘Suyun üstündeki köpüktür onlar,
Lanetlidir ülkedeki payları,
Kimse bağlara gitmez.
“दुष्ट जन ऐसे बहा दिये जाते हैं, जैसे झाग बाढ़ के पानी पर।
वह धरती अभिशिप्त है जिसके वे मालिक हैं, इसलिये वे अंगूर के बगीचों में अगूंर बिनने नहीं जाते हैं।