Davut şöyle yanıtladı: “Çocuk yaşarken oruç tutup ağladım. Çünkü, ‘Kim bilir, RAB bana lütfeder de çocuk yaşar’ diye düşünüyordum.
दाऊद ने कहा, “जब बच्चा जीवित रहा, मैंने भोजन करना अस्वीकार किया, और मैं रोया क्योंकि मैंने सोचा, ‘कौन जानता है, संभव है यहोवा मेरे लिये दुःखी हो और बच्चे को जीवित रहने दे।’