Psalms 11

No Senhor confio. Como, pois, me dizeis: Foge para o monte, como um pássaro?
मैं यहोवा पर भरोसा करता हूँ। फिर तू मुझसे क्यों कहता है कि मैं भाग कर कहीं जाऊँ? तू कहता है मुझसे कि, “पक्षी की भाँति अपने पहाड़ पर उड़ जा!”
Pois eis que os ímpios armam o arco, põem a sua flecha na corda, para atirarem, às ocultas, aos retos de coração.
दुष्ट जन शिकारी के समान हैं। वे अन्धकार में छिपते हैं। वे धनुष की डोर को पीछे खींचते हैं। वे अपने बाणों को साधते हैं और वे अच्छे, नेक लोगों के ह्रदय में सीधे बाण छोड़ते हैं।
Quando os fundamentos são destruídos, que pode fazer o justo?
क्या होगा यदि वे समाज की नींव को उखाड़ फेंके? फिर तो ये अच्छे लोग कर ही क्या पायेंगे?
O Senhor está no seu santo templo, o trono do Senhor está nos céus; os seus olhos contemplam, as suas pálpebras provam os filhos dos homens.
यहोवा अपने विशाल पवित्र मन्दिर में विराजा है। यहोवा स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है। यहोवा सब कुछ देखता है, जो भी घटित होता है। यहोवा की आँखें लोगों की सज्जनता व दुर्जनता को परखने में लगी रहती हैं।
O Senhor prova o justo e o ímpio; a sua alma odeia ao que ama a violência.
यहोवा भले व बुरे लोगों को परखता है, और वह उन लोगों से घृणा करता है, जो हिसा से प्रीति रखते हैं।
Sobre os ímpios fará chover brasas de fogo e enxofre; um vento abrasador será a porção do seu copo.
वह गर्म कोयले और जलती हुई गन्धक को वर्षा की भाँति उन बुरे लोगों पर गिरायेगा। उन बुरे लोगों के भाग में बस झुलसाती पवन आयेगी
Porque o Senhor é justo; ele ama a justiça; os retos, pois, verão o seu rosto.
किन्तु यहोवा, तू उत्तम है। तुझे उत्तम जन भाते हैं। उत्तम मनुष्य यहोवा के साथ रहेंगे और उसके मुख का दर्शन पायेंगे।