Psalms 1

Salig er den mann som ikke vandrer i ugudeliges råd og ikke står på synderes vei og ikke sitter i spotteres sete,
सचमुच वह जन धन्य होगा यदि वह दुष्टों की सलाह को न मानें, और यदि वह किसी पापी के जैसा जीवन न जीए और यदि वह उन लोगों की संगति न करे जो परमेश्वर की राह पर नहीं चलते।
men har sin lyst i Herrens lov og grunder på hans lov dag og natt.
वह नेक मनुष्य है जो यहोवा के उपदेशों से प्रीति रखता है। वह तो रात दिन उन उपदेशों का मनन करता है।
Han skal være lik et tre, plantet ved rinnende bekker, som gir sin frukt i sin tid, og hvis blad ikke visner, og alt hvad han gjør, skal han ha lykke til.
इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है।
Ikke så de ugudelige, men de er lik agner, som spredes av vinden.
किन्तु दुष्ट जन ऐसे नहीं होते। दुष्ट जन उस भूसे के समान होते हैं जिन्हें पवन का झोका उड़ा ले जाता है।
Derfor skal ugudelige ikke bli stående i dommen, og syndere ikke i de rettferdiges menighet.
इसलिए दुष्ट जन न्याय का सामना नहीं कर पायेंगे। सज्जनों की सभा में वे दोषी ठहरेंगे और उन पापियों को छोड़ा नहीं जायेगा।
For Herren kjenner de rettferdiges vei, men de ugudeliges vei går til grunne.
ऐसा भला क्यों होगा? क्योंकि यहोवा सज्जनों की रक्षा करता है और वह दुर्जनों का विनाश करता है।