Han skal være lik et tre, plantet ved rinnende bekker, som gir sin frukt i sin tid, og hvis blad ikke visner, og alt hvad han gjør, skal han ha lykke til.
इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है
जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है।
वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता
और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं।
वह जो भी करता है सफल ही होता है।