Psalms 2

दूसरे देशों के लोग क्यों इतनी हुल्लड़ मचाते हैं और लोग व्यर्थ ही क्यों षड़यन्त्र रचते हैं?
quare turbabuntur gentes et tribus meditabuntur inania
ऐसे दशों के राजा और नेता यहोवा और उसके चुने हुए राजा के विरुद्ध होने को आपस में एक हो जाते हैं।
consurgent reges terrae et principes tractabunt pariter adversum Dominum et adversum christum eius
वे नेता कहते हैं, “आओ परमेश्वर से और उस राजा से जिसको उसने चुना है, हम सब विद्रोह करें। आओ उनके बन्धनों को हम उतार फेंके।”
disrumpamus vincula eorum et proiciamus a nobis laqueos eorum
किन्तु मेरा स्वामी, स्वर्ग का राजा, उन लोगों पर हँसता है।
habitator caeli ridebit Dominus subsannabit eos
परमेश्वर क्रोधित है और, यही उन नेताओं को भयभीत करता है।
tunc loquetur ad eos in ira sua et in furore suo conturbabit eos
वह उन से कहता है,“मैंने इस पुरुष को राजा बनने के लिये चुना है, वह सिय्योन पर्वत पर राज करेगा, सिय्योन मेरा विशेष पर्वत है।”
ego autem orditus sum regem meum super Sion montem sanctum suum adnuntiabo Dei praeceptum
अब मै यहोवा की वाचा के बारे में तुझे बताता हूँ। यहोवा ने मुझसे कहा था, “आज मैं तेरा पिता बनता हूँ और तू आज मेरा पुत्र बन गया है।
Dominus dixit ad me filius meus es tu ego hodie genui te
यदि तू मुझसे माँगे, तो इन देशों को मैं तुझे दे दूँगा और इस धरती के सभी जन तेरे हो जायेंगे।
postula a me et dabo tibi gentes hereditatem tuam et possessionem tuam terminos terrae
तेरे पास उन देशों को नष्ट करने की वैसी ही शक्ति होगी जैसे किसी मिट्टी के पात्र को कोई लौह दण्ड से चूर चूर कर दे।”
pasces eos in virga ferrea ut vas figuli conteres eos
इसलिए, हे राजाओं, तुम बुद्धिमान बनो। हे शासकों, तुम इस पाठ को सीखो।
nunc ergo reges intellegite erudimini iudices terrae
तुम अति भय से यहोवा की आज्ञा मानों।
servite Domino in timore et exultate in tremore
स्वयं को परमेश्वर के पुत्र का विश्वासपात्र दिखओ। यदि तुम ऐसा नहीं करते, तो वह क्रोधित होगा और तुम्हें नष्ट कर देगा। जो लोग यहोवा में आस्था रखते हैं वे आनन्दित रहते हैं, किन्तु अन्य लोगों को सावधान रहना चाहिए। यहोवा अपना क्रोध बस दिखाने ही वाला है।
adorate pure ne forte irascatur et pereatis de via cum exarserit post paululum furor eius beati omnes qui sperant in eum