II John 1

मुझे बुजुर्ग की ओर से उस महिला को — जो परमेश्वर के द्वारा चुनी गयी है तथा उसके बालकों के नाम जिन्हें मैं सत्य के सहभागी व्यक्तियों के रूप में प्रेम करता हूँ। केवल मैं ही तुम्हें प्रेम नहीं करता हूँ, बल्कि वे सभी तुम्हें प्रेम करते हैं जो सत्य को जान गये हैं।
senior electae dominae et natis eius quos ego diligo in veritate et non ego solus sed et omnes qui cognoverunt veritatem
वह उसी सत्य के कारण हुआ है जो हममें निवास करता है और जो सदा सदा हमारे साथ रहेगा।
propter veritatem quae permanet in nobis et nobiscum erit in aeternum
परम पिता परमेश्वर की ओर से उसका अनुग्रह, दया और शांति सदा हमारे साथ रहेगी तथा परम पिता परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह की ओर से सत्य और प्रेम में हमारी स्थिति बनी रहेगी।
sit nobiscum gratia misericordia pax a Deo Patre et a Christo Iesu Filio Patris in veritate et caritate
तुम्हारे पुत्र-पुत्रियों को उस सत्य के अनुसार जीवन जीते देख कर जिसका आदेश हमें परमपिता से प्राप्त हुआ है, मैं बहुत आनन्दित हुआ हूँ
gavisus sum valde quoniam inveni de filiis tuis ambulantes in veritate sicut mandatum accepimus a Patre
और अब हे महिला, मैं तुम्हें कोई नया आदेश नहीं बल्कि उसी आदेश को लिख रहा हूँ, जिसे हमने अनादि काल से पाया है हमें परस्पर प्रेम करना चाहिए।
et nunc rogo te domina non tamquam mandatum novum scribens tibi sed quod habuimus ab initio ut diligamus alterutrum
प्रेम का अर्थ यही है कि हम उसके आदेशों पर चलें। यह वही आदेश है जिसे तुमने प्रारम्भ से ही सुना है कि तुम्हें प्रेमपूर्वक जीना चाहिए।
et haec est caritas ut ambulemus secundum mandata eius hoc mandatum est ut quemadmodum audistis ab initio in eo ambuletis
संसार में बहुत से भटकाने वाले हैं। ऐसा व्यक्ति जो यह नहीं मानता कि इस धरती पर मनुष्य के रूप में यीशु मसीह आया है, वह छली है तथा मसीह का शत्रु है।
quoniam multi seductores exierunt in mundum qui non confitentur Iesum Christum venientem in carne hic est seductor et antichristus
स्वयं को सावधान बनाए रखो! ताकि तुम उसे गँवा न बैठो जिसके लिए हमने कठोर परिश्रम किया है, बल्कि तुम्हें तो तुम्हारा पूरा प्रतिफल प्राप्त करना है।
videte vosmet ipsos ne perdatis quae operati estis sed ut mercedem plenam accipiatis
जो कोई बहुत दूर चला जाता है और मसीह के विषय में दिए गए सच्चे उपदेश में टिका नहीं रहता, वह परमेश्वर को प्राप्त नहीं करता और जो उसकी शिक्षा में बना रहता है, परमपिता और पुत्र दोनों ही उसके पास हैं।
omnis qui praecedit et non manet in doctrina Christi Deum non habet qui permanet in doctrina hic et Filium et Patrem habet
यदि कोई तुम्हारे पास आकर इस उपदेश को नहीं देता है तो अपने घर उसका आदर सत्कार मत करो तथा उसके स्वागत में नमस्कार भी मत करो।
si quis venit ad vos et hanc doctrinam non adfert nolite recipere eum in domum nec have ei dixeritis
क्योंकि जो ऐसे व्यक्ति का सत्कार करता है, वह उसके बुरे कामों में भागीदार बनता है।
qui enim dicit illi have communicat operibus illius malignis
यद्यपि तुम्हें लिखने को मेरे पास बहुत सी बातें हैं किन्तु उन्हें मैं लेखनी और स्याही से नहीं लिखना चाहता। बल्कि मुझे आशा है कि तुम्हारे पास आकर आमने-सामने बैठ कर बातें करूँगा। जिससे हमारा आनन्द परिपूर्ण हो।
plura habens vobis scribere nolui per cartam et atramentum spero enim me futurum apud vos et os ad os loqui ut gaudium vestrum plenum sit
तेरी बहन के पुत्र-पुत्रियों का तुझे नमस्कार पहुँचे।
salutant te filii sororis tuae electae