हे परमेश्वर, तू मेरा रक्षास्थल है।
तू मुझको मेरी विपत्तियों से उबारता है।
तू मुझे अपनी ओट में लेकर विपत्तियों से बचाता है।
सो इसलिए मैं, जैसे तूने रक्षा की है, उन्हीं बातों के गीत गाया करता हूँ।
تُو میری چھپنے کی جگہ ہے، تُو مجھے پریشانی سے محفوظ رکھتا، مجھے نجات کے نغموں سے گھیر لیتا ہے۔ (سِلاہ)