“फिर जब वह दास वहाँ से जा रहा था, तो उसे उसका एक साथी दास मिला जिसे उसे कुछ रूपये देने थे। उसने उसका गिरहबान पकड़ लिया और उसका गला घोटते हुए बोला, ‘जो तुझे मेरा देना है, लौटा दे!’
لیکن جب یہی نوکر باہر نکلا تو ایک ہم خدمت ملا جو اُس کا چند ہزار روپوں کا قرض دار تھا۔ اُسے پکڑ کر وہ اُس کا گلا دبا کر کہنے لگا، ’اپنا قرض ادا کر!‘