Judges 20

इस प्रकार इस्राएल के सभी लोग एक हो गए। वे मिस्पा नगर में यहोवा के सामने खड़े होने के लिए एक साथ आए। वे पूरे इस्राएल देश से आए। गिलाद प्रदेश के सभी इस्राएली लोग भी वहाँ थे।
تمام اسرائیلی ایک دل ہو کر مِصفاہ میں رب کے حضور جمع ہوئے۔ شمال کے دان سے لے کر جنوب کے بیرسبع تک سب آئے۔ دریائے یردن کے پار جِلعاد سے بھی لوگ آئے۔
इस्राएल के परिवार समूहों के सभी प्रमुख वहाँ थे। वे परमेश्वर के सारे लोगों की सभा में अपने—अपने स्थानों पर बैठे। उस स्थान पर तलवार के साथ चार लाख सैनिक थे।
اسرائیلی قبیلوں کے سردار بھی آئے۔ اُنہوں نے مل کر ایک بڑی فوج تیار کی، تلواروں سے لیس 4,00,000 مرد جمع ہوئے۔
बिन्यामीन के परिवार समूह के लोगों ने सुना कि इस्राएल के लोग मिस्पा नगर में पहुँचे हैं। इस्राएल के लोग ने कहा, “यह बताओ कि यह पाप कैसे हुआ।”
بن یمینیوں کو اِس جماعت کے بارے میں اطلاع ملی۔ اسرائیلیوں نے پوچھا، ”ہمیں بتائیں کہ یہ ہیبت ناک جرم کس طرح سرزد ہوا؟“
अत: जिस स्त्री की हत्या हुई थी उसके पति ने कहा, “मेरी रखैल और मैं बिन्यामीन के प्रदेश में गिबा नगर में पहुँचे। हम लोगों ने वहाँ रात बिताई।
مقتولہ کے شوہر نے اُنہیں اپنی کہانی سنائی، ”مَیں اپنی داشتہ کے ساتھ جِبعہ میں آ ٹھہرا جو بن یمینیوں کے علاقے میں ہے۔ ہم وہاں رات گزارنا چاہتے تھے۔
किन्तु रात को गिबा नगर के प्रमुख उस घर पर आए जिसमें मैं ठहरा था। उन्होंने घर को घेर लिया और वे मुझे मार डालना चाहते थे। उन्होंने मेरी रखैल के साथ कुकर्म किया और वह मर गई।
یہ دیکھ کر شہر کے مردوں نے میرے میزبان کے گھر کو گھیر لیا تاکہ مجھے قتل کریں۔ مَیں تو بچ گیا، لیکن میری داشتہ سے اِتنی زیادتی ہوئی کہ وہ مر گئی۔
इसलिए मैं अपनी रखैल को ले गया और उसके टुकड़े कर डाले। तब मैंने हर एक टुकड़ा इस्राएल के हर एक परिवार समूह को भेजा। मैंने बारह टुकड़े उन प्रदेशों को भेजे जिन्हें हमने पाया। मैंने यह इसलिए किया कि बिन्यामीन के परिवार समूह के लोगों ने इस्राएल के देश में यह क्रूर और भयंकर काम किया है।
یہ دیکھ کر مَیں نے اُس کی لاش کو ٹکڑے ٹکڑے کر کے یہ ٹکڑے اسرائیل کی میراث کی ہر جگہ بھیج دیئے تاکہ ہر ایک کو معلوم ہو جائے کہ ہمارے ملک میں کتنا گھنونا جرم سرزد ہوا ہے۔
अब, इस्राएल के सभी लोग, आप बोलें। आप अपना निर्णय दें कि हमें क्या करना चाहिये?”
اِس پر آپ سب یہاں جمع ہوئے ہیں۔ اسرائیل کے مردو، اب لازم ہے کہ آپ ایک دوسرے سے مشورہ کر کے فیصلہ کریں کہ کیا کرنا چاہئے۔“
तब सभी लोग उसी समय उठ खड़े हुए। उन्होंने आपस में कहा, “हम लोगों में से कोई घर नहीं लौटेगा। कोई नहीं, हम लोगों में से एक भी घर नहीं लौटेगा।
تمام مرد ایک دل ہو کر کھڑے ہوئے۔ سب کا فیصلہ تھا، ”ہم میں سے کوئی بھی اپنے گھر واپس نہیں جائے گا
हम लोग गिबा नगर के साथ यह करेंगे। हम गोट डालेंगे। जिससे परमेश्वर बताएगा कि हम लोग उन लोगों के साथ क्या करें।
جب تک جِبعہ کو مناسب سزا نہ دی جائے۔ لازم ہے کہ ہم فوراً شہر پر حملہ کریں اور اِس کے لئے قرعہ ڈال کر رب سے ہدایت لیں۔
हम लोग इस्राएल के सभी परिवारों के हर एक सौ में से दस व्यक्ति चुनेंगे और हम लोग हर एक हजार में से सौ व्यक्ति चुनेंगे। हम लोग हर एक दस हजार में से हजार चुनेंगे। जिन लोगों को हम चुन लेंगे वे सेना के लिए आवश्यक सामग्री पाएंगे। तब सेना बिन्यामीन के प्रदेश में गिबा नगर को जाएगी। वह सेना उन लोगों से बदला चुकाएगी जिन्होंने इस्राएल के लोगों में यह भयंकर काम किया है।”
ہم یہ فیصلہ بھی کریں کہ کون کون ہماری فوج کے لئے کھانے پینے کا بندوبست کرائے گا۔ اِس کام کے لئے ہم میں سے ہر دسواں آدمی کافی ہے۔ باقی سب لوگ سیدھے جِبعہ سے لڑنے جائیں تاکہ اُس شرم ناک جرم کا مناسب بدلہ لیں جو اسرائیل میں ہوا ہے۔“
इसलिए इस्राएल के सभी लोग गिबा नगर में एकत्रित हुए। वे उसके एक मत थे, जो वे कर रहे थे।
یوں تمام اسرائیلی متحد ہو کر جِبعہ سے لڑنے کے لئے گئے۔
इस्राएल के परिवार समूह ने एक सन्देश के साथ लोगों को बिन्यामीन के परिवार समूह के पास भेजा। सन्देश यह था: “इस पाप के बारे में क्या कहना है जो तुम्हारे कुछ लोगों ने किया है?
راستے میں اُنہوں نے بن یمین کے ہر کنبے کو پیغام بھجوایا، ”آپ کے درمیان گھنونا جرم ہوا ہے۔
उन गिबा के पापी मनुष्यों को हमारे पास भेजो। उन लोगों को हमें दो जिससे हम उन्हें जान से मार सकें। हम इस्राएल के लोगों में से पाप को अवश्य दूर करेंगे।” किन्तु बिन्यामीन के परिवार समूह के लोगों ने अपने सम्बन्धी इस्राएल के लोगो के दूतों की एक न सुनी।
اب جِبعہ کے اِن شریر آدمیوں کو ہمارے حوالے کریں تاکہ ہم اُنہیں سزائے موت دے کر اسرائیل میں سے بُرائی مٹا دیں۔“ لیکن بن یمینی اِس کے لئے تیار نہ ہوئے۔
बिन्यामीन के परिवार समूह के लोगों ने अपने नगरों को छोड़ा और वे गिबा नगर में पहुँचे। वे गिबा में इस्राएल के अन्य परिवार समूह के विरुद्ध लड़ने गए।
وہ پورے قبائلی علاقے سے آ کر جِبعہ میں جمع ہوئے تاکہ اسرائیلیوں سے لڑیں۔
बिन्यामीन परिवार समूह के लोगों ने छब्बीस हजार सैनिकों को इकट्ठा किया। वे सभी सैनिक युद्ध के लिये प्रशिक्षित थे। उनके साथ गिबा नगर के सात सौ प्रशिक्षित सैनिक भी थे।
اُسی دن اُنہوں نے اپنی فوج کا بندوبست کیا۔ جِبعہ کے 700 تجربہ کار فوجیوں کے علاوہ تلواروں سے لیس 26,000 افراد تھے۔
उनके सात सौ ऐसे प्रशिक्षित व्यक्ति भी थे जो बाँया हाथ चलाने में दक्ष थे। उनमें से हर एक गुलेल का उपयोग दक्षता से कर सकता था। वे सब एक बाल पर भी पत्थर मार सकते थे और निशाना नहीं चूकता था।
اِن فوجیوں میں سے 700 ایسے مرد بھی تھے جو اپنے بائیں ہاتھ سے فلاخن چلانے کی اِتنی مہارت رکھتے تھے کہ پتھر بال جیسے چھوٹے نشانے پر بھی لگ جاتا تھا۔
इस्राएल के सारे परिवारों ने, बिन्यामीन को छोड़कर चार लाख योद्धाओं को इकट्ठा किया। उन चार लाख योद्धाओं के पास तलवारें थीं। उनमें हर एक प्रशिक्षित सैनिक था।
دوسری طرف اسرائیل کے 4,00,000 فوجی کھڑے ہوئے، اور ہر ایک کے پاس تلوار تھی۔
इस्राएल के लोग बेतेल नगर तक गए। बेतेल में उन्होंने परमेश्वर से पूछा, “कौन सा परिवार समूह बिन्यामीन के परिवार समूह पर प्रथम आक्रमण करेगा?” यहोवा ने उत्तर दिया, “यहूदा का परिवार समूह प्रथम जाएगा।”
پہلے اسرائیلی بیت ایل چلے گئے۔ وہاں اُنہوں نے اللہ سے دریافت کیا، ”کون سا قبیلہ ہمارے آگے آگے چلے جب ہم بن یمینیوں پر حملہ کریں؟“ رب نے جواب دیا، ”یہوداہ سب سے آگے چلے۔“
अगली सुबह इस्राएल के लोग उठे। उन्होंने गिबा के निकट डेरा डाला।
اگلے دن اسرائیلی روانہ ہوئے اور جِبعہ کے قریب پہنچ کر اپنی لشکرگاہ لگائی۔
तब इस्राएल की सेना बिन्यामीन की सेना से युद्ध के लिये निकल पड़ी। इस्राएल की सेना ने गिबा नगर में बिन्यामीन की सेना के विरुद्ध अपना मोर्चा लगाया।
پھر وہ حملہ کے لئے نکلے اور ترتیب سے لڑنے کے لئے کھڑے ہو گئے۔
तब बिन्यामीन की सेना गिबा नगर के बाहर निकली। उन्होंने उस दिन की लड़ाई में इस्राएल की सेना के बाईस हजार लोगों को मार डाला।
یہ دیکھ کر بن یمینی شہر سے نکلے اور اُن پر ٹوٹ پڑے۔ نتیجے میں 22,000 اسرائیلی شہید ہو گئے۔
इस्राएल के लोग यहोवा के सामने गए। वे शाम तक रोकर चिल्लाते रहे। उन्होंने यहोवा से पूछा, “क्या हमें बिन्यामीन के विरुद्ध लड़ने जाना चाहिए? वे लोग हमारे सम्बन्धी हैं।” यहोवा ने उत्तर दिया, “जाओ और उनके विरुद्ध लड़ो। इस्राएल के लोगों ने एक दूसरे का साहस बढ़ाया। इसलिए वे पहले दिन की तरह फिर लड़ने गए।”
اسرائیلی بیت ایل چلے گئے اور شام تک رب کے حضور روتے رہے۔ اُنہوں نے رب سے پوچھا، ”کیا ہم دوبارہ اپنے بن یمینی بھائیوں سے لڑنے جائیں؟“ رب نے جواب دیا، ”ہاں، اُن پر حملہ کرو!“ یہ سن کر اسرائیلیوں کا حوصلہ بڑھ گیا اور وہ اگلے دن وہیں کھڑے ہو گئے جہاں پہلے دن کھڑے ہوئے تھے۔
इस्राएल के लोग यहोवा के सामने गए। वे शाम तक रोकर चिल्लाते रहे। उन्होंने यहोवा से पूछा, “क्या हमें बिन्यामीन के विरुद्ध लड़ने जाना चाहिए? वे लोग हमारे सम्बन्धी हैं।” यहोवा ने उत्तर दिया, “जाओ और उनके विरुद्ध लड़ो। इस्राएल के लोगों ने एक दूसरे का साहस बढ़ाया। इसलिए वे पहले दिन की तरह फिर लड़ने गए।”
اسرائیلی بیت ایل چلے گئے اور شام تک رب کے حضور روتے رہے۔ اُنہوں نے رب سے پوچھا، ”کیا ہم دوبارہ اپنے بن یمینی بھائیوں سے لڑنے جائیں؟“ رب نے جواب دیا، ”ہاں، اُن پر حملہ کرو!“ یہ سن کر اسرائیلیوں کا حوصلہ بڑھ گیا اور وہ اگلے دن وہیں کھڑے ہو گئے جہاں پہلے دن کھڑے ہوئے تھے۔
तब इस्राएल की सेना बिन्यामीन की सेना के पास आई। यह युद्ध का दूसरा दिन था।
لیکن جب وہ شہر کے قریب پہنچے
बिन्यामीन की सेना दूसरे दिन इस्राएल की सेना पर आक्रमण करने के लिये गिबा नगर से बाहर आई। इस समय बिन्यामीन की सेना ने इस्राएल की सेना के अन्य अट्ठारह हजार सैनिकों को मार डाला। इस्राएल की सेना के वे सभी प्रशिक्षित सैनिक थे।
تو بن یمینی پہلے کی طرح شہر سے نکل کر اُن پر ٹوٹ پڑے۔ اُس دن تلوار سے لیس 18,000 اسرائیلی شہید ہو گئے۔
तब इस्राएल के सभी लोग बेतेल नगर तक गए। उस स्थान पर वे बैठे और यहोवा को रोकर पुकारा। उन्होंने पूरे दिन शाम तक कुछ नहीं खाया। वे होमबलि और मेलबलि भी यहोवा के लिये लाए।
پھر اسرائیل کا پورا لشکر بیت ایل چلا گیا۔ وہاں وہ شام تک رب کے حضور روتے اور روزہ رکھتے رہے۔ اُنہوں نے رب کو بھسم ہونے والی قربانیاں اور سلامتی کی قربانیاں پیش کر کے
इस्राएल के लोगों ने यहोवा से एक प्रश्न पूछा। (इन दिनों परमेश्वर का साक्षीपत्र का सन्दूक बेतेल में था।
اُس سے دریافت کیا کہ ہم کیا کریں۔ (اُس وقت اللہ کے عہد کا صندوق بیت ایل میں تھا
पीनहास नामक एक याजक साक्षीपत्र के सन्दूक के सामने सेवा करता था। पीनहास एलीआज़ार नामक व्यक्ति का पुत्र था। एलीआज़ार हारून का पुत्र था।) इस्राएल के लोगों ने पूछा, “क्या हमें बिन्यामीन के लोगों के विरूद्ध फिर लड़ने जाना चाहिए? वे लोग हमारे सम्बन्धी हैं या हम युद्ध करना बन्द कर दें?” यहोवा ने उत्तर दिया, “जाओ। कल मैं उन्हें हराने में तुम्हारी सहायता करूँगा।”
جہاں فینحاس بن اِلی عزر بن ہارون امام تھا۔) اسرائیلیوں نے پوچھا، ”کیا ہم ایک اَور مرتبہ اپنے بن یمینی بھائیوں سے لڑنے جائیں یا اِس سے باز آئیں؟“ رب نے جواب دیا، ”اُن پر حملہ کرو، کیونکہ کل ہی مَیں اُنہیں تمہارے حوالے کر دوں گا۔“
तब इस्राएल की सेना ने गिबा नगर के चारों ओर अपने व्यक्तियों को छिपा दिया।
اِس دفعہ کچھ اسرائیلی جِبعہ کے ارد گرد گھات میں بیٹھ گئے۔
इस्राएल की सेना तीसरे दिन गिबा नगर के विरुद्ध लड़ने गई। उन्होंने जैसा पहले किया था वैसा ही लड़ने के लिये मोर्चा लगाया।
باقی افراد پہلے دو دنوں کی سی ترتیب کے مطابق لڑنے کے لئے کھڑے ہو گئے۔
बिन्यामीन की सेना इस्राएल की सेना से युद्ध करने के लिये गिबा नगर के बाहर निकल आई। इस्राएल की सेना पीछे हटी और उसने बिन्यामीन की सेना को पीछा करने दिया। इस प्रकार बिन्यामीन की सेना को नगर को बहुत पीछे छोड़ देने के लिये धोखा दिया गया। बिन्यमीन की सेना ने इस्राएल की सेना के कुछ लोगों को वेसे ही मारना आरम्भ किया जैसे उन्होंने पहले मारा था। इस्राएल के लगभग तीस व्यक्ति मारे गए। उनमें से कुछ लोग मैदानों में मारे गए थे। उनमें से कुछ व्यक्ति सड़कों पर मारे गए थे। एक सड़क बेतेल को जा रही थी। दूसरी सड़क गिबा को जा रही थी।
بن یمینی دوبارہ شہر سے نکل کر اُن پر ٹوٹ پڑے۔ جو راستے بیت ایل اور جِبعہ کی طرف لے جاتے ہیں اُن پر اور کھلے میدان میں اُنہوں نے تقریباً 30 اسرائیلیوں کو مار ڈالا۔ یوں لڑتے لڑتے وہ شہر سے دُور ہوتے گئے۔
बिन्यामीन के लोगों ने कहा, “हम पहले की तरह जीत रहे हैं।” उसी समय इस्राएल के लोग पीछे भाग रहे थे लेकिन यह एक चाल थी। वे बिन्यामीन के लोगों को उनके नगर से दूर सड़कों पर लाना चाहते थे।
وہ پکارے، ”اب ہم اُنہیں پہلی دو مرتبہ کی طرح شکست دیں گے!“ لیکن اسرائیلیوں نے منصوبہ باندھ لیا تھا، ”ہم اُن کے آگے آگے بھاگتے ہوئے اُنہیں شہر سے دُور راستوں پر کھینچ لیں گے۔“
इस्राएल की सेना के सभी लोग अपने स्थानों से हटे। वे बालतामार स्थान पर रूके। तब जो लोग गिबा नगर की ओर छिपे थे, वे अपने छिपने के स्थानों से गिबा के पश्चिम को दौड़ पड़े।
یوں وہ بھاگنے لگے اور بن یمینی اُن کے پیچھے پڑ گئے۔ لیکن بعل تمر کے قریب اسرائیلی رُک کر مُڑ گئے اور اُن کا سامنا کرنے لگے۔ اب باقی اسرائیلی جو جِبع کے ارد گرد اور کھلے میدان میں گھات میں بیٹھے تھے اپنی چھپنے کی جگہوں سے نکل آئے۔
इस्राएल की सेना के पूरे प्रशिक्षित दस हजार सैनिकों ने गिबा नगर पर आक्रमण किया। युद्ध बड़ा भीषण था। किन्तु बिन्यामीन की सेना नहीं जानती थी कि उनके साथ कौन सी भंयकर घटना होने जा रही है?
اچانک جِبعہ کے بن یمینیوں کو 10,000 بہترین فوجیوں کا سامنا کرنا پڑا، اُن مردوں کا جو پورے اسرائیل سے چنے گئے تھے۔ بن یمینی اُن سے خوب لڑنے لگے، لیکن اُن کی آنکھیں ابھی اِس بات کے لئے بند تھیں کہ اُن کا انجام قریب آ گیا ہے۔
यहोवा ने इस्राएल की सेना का उपयोग किया और बिन्यामीन की सेना को पराजित किया। उस दिन इस्राएल के सेना ने बिन्यामीन की पच्चीस हजार एक सौ सैनिकों को मार डाला। वे सभी सैनिक युद्ध के लिये प्रशिक्षित थे।
اُس دن اسرائیلیوں نے رب کی مدد سے فتح پا کر تلوار سے لیس 25,100 بن یمینی فوجیوں کو موت کے گھاٹ اُتار دیا۔
इस प्रकार बिन्यामीन के लोगों ने देखा कि वे पराजित हो गए। इस्राएल की सेना पीछे हटी। वे पीछे हटे क्योंकि वे उस अचानक आक्रमण पर भरोसा कर रहे थे जिसके लिये वे गिबा के निकट व्यवस्था कर चुके थे।
تب بن یمینیوں نے جان لیا کہ دشمن ہم پر غالب آ گئے ہیں۔ کیونکہ اسرائیلی فوج نے اپنے بھاگ جانے سے اُنہیں جِبعہ سے دُور کھینچ لیا تھا تاکہ شہر کے ارد گرد گھات میں بیٹھے مردوں کو شہر پر حملہ کرنے کا موقع مہیا کریں۔
जो व्यक्ति गिबा के चारों ओर छिपे थे वे गिबा नगर में टूट पड़े। वे फैल गए और उन्होंने अपनी तलवारों से नगर के हर एक को मार डाला।
تب یہ مرد نکل کر شہر پر ٹوٹ پڑے اور تلوار سے تمام باشندوں کو مار ڈالا،
इस्राएली सेना के दल और छिपकर घात लगाने वाले दल के बीच यह संकेत चिन्ह निश्चित किया गया था कि छिपकर घात लगाने वाला दल नगर से धुएँ का विशाल बादल उड़ाएगा।
پھر منصوبے کے مطابق آگ لگا کر دھوئیں کا بڑا بادل پیدا کیا تاکہ بھاگنے والے اسرائیلیوں کو اشارہ مل جائے کہ وہ مُڑ کر بن یمینیوں کا مقابلہ کریں۔ اُس وقت تک بن یمینیوں نے تقریباً 30 اسرائیلیوں کو مار ڈالا تھا، اور اُن کا خیال تھا کہ ہم اُنہیں پہلے کی طرح شکست دے رہے ہیں۔
इसलिये युद्ध के समय इस्राएल की सेना पीछे मुड़ी और बिन्यामीन की सेना ने इस्राएल की सेना के सैनिकों को मारना आरम्भ किया। उन्होंने लगभग तीस सैनिक मारे। वे कह रहे थे, “हम वैसे जीत रहे हैं जैसे पहले युद्ध में जीत रहे थे।” किन्तु तभी धुएँ का विशाल बादल नगर से उठना आरम्भ हुआ। बिन्यामीन के सैनिक मुड़े और धुएँ को देखा। पूरा नगर आग की लपटों में था तब इस्राएल की सेना मुड़ी और लड़ने लगी। बिन्यामीन के लोग डर गए थे। अब वे समझ गए थे कि उनके साथ कौन सी भंयकर घटना हो चुकी थी।
پھر منصوبے کے مطابق آگ لگا کر دھوئیں کا بڑا بادل پیدا کیا تاکہ بھاگنے والے اسرائیلیوں کو اشارہ مل جائے کہ وہ مُڑ کر بن یمینیوں کا مقابلہ کریں۔ اُس وقت تک بن یمینیوں نے تقریباً 30 اسرائیلیوں کو مار ڈالا تھا، اور اُن کا خیال تھا کہ ہم اُنہیں پہلے کی طرح شکست دے رہے ہیں۔
इसलिये युद्ध के समय इस्राएल की सेना पीछे मुड़ी और बिन्यामीन की सेना ने इस्राएल की सेना के सैनिकों को मारना आरम्भ किया। उन्होंने लगभग तीस सैनिक मारे। वे कह रहे थे, “हम वैसे जीत रहे हैं जैसे पहले युद्ध में जीत रहे थे।” किन्तु तभी धुएँ का विशाल बादल नगर से उठना आरम्भ हुआ। बिन्यामीन के सैनिक मुड़े और धुएँ को देखा। पूरा नगर आग की लपटों में था तब इस्राएल की सेना मुड़ी और लड़ने लगी। बिन्यामीन के लोग डर गए थे। अब वे समझ गए थे कि उनके साथ कौन सी भंयकर घटना हो चुकी थी।
اچانک اُن کے پیچھے دھوئیں کا بادل آسمان کی طرف اُٹھنے لگا۔ جب بن یمینیوں نے مُڑ کر دیکھا کہ شہر کے کونے کونے سے دھواں نکل رہا ہے
इसलिये युद्ध के समय इस्राएल की सेना पीछे मुड़ी और बिन्यामीन की सेना ने इस्राएल की सेना के सैनिकों को मारना आरम्भ किया। उन्होंने लगभग तीस सैनिक मारे। वे कह रहे थे, “हम वैसे जीत रहे हैं जैसे पहले युद्ध में जीत रहे थे।” किन्तु तभी धुएँ का विशाल बादल नगर से उठना आरम्भ हुआ। बिन्यामीन के सैनिक मुड़े और धुएँ को देखा। पूरा नगर आग की लपटों में था तब इस्राएल की सेना मुड़ी और लड़ने लगी। बिन्यामीन के लोग डर गए थे। अब वे समझ गए थे कि उनके साथ कौन सी भंयकर घटना हो चुकी थी।
تو اسرائیل کے مرد رُک گئے اور پلٹ کر اُن کا سامنا کرنے لگے۔ بن یمینی سخت گھبرا گئے، کیونکہ اُنہوں نے جان لیا کہ ہم تباہ ہو گئے ہیں۔
इसलिये बिन्यामीन की सेना इस्राएल की सेना के सामने से भाग खड़ी हुई। वे रेगिस्तान की ओर भागे। लेकिन वे युद्ध से बच न सके। इस्राएल के लोग नगर से बाहर आए और उन्हें मार डाला।
تب اُنہوں نے مشرق کے ریگستان کی طرف فرار ہونے کی کوشش کی۔ لیکن اب وہ مرد بھی اُن کا تعاقب کرنے لگے جنہوں نے گھات میں بیٹھ کر جِبعہ پر حملہ کیا تھا۔ یوں اسرائیلیوں نے مفروروں کو گھیر کر مار ڈالا۔
इस्राएल के लोगों ने बिन्यामीन के लोगों को हराया। उन्होंने बिन्यामीन के लोगों का पीछा किया। उन्हें आराम नहीं करने दिया। उन्होंने उन्हें गिबा के पूर्व के क्षेत्र में हराया।
تب اُنہوں نے مشرق کے ریگستان کی طرف فرار ہونے کی کوشش کی۔ لیکن اب وہ مرد بھی اُن کا تعاقب کرنے لگے جنہوں نے گھات میں بیٹھ کر جِبعہ پر حملہ کیا تھا۔ یوں اسرائیلیوں نے مفروروں کو گھیر کر مار ڈالا۔
इस प्रकार अट्ठारह हजार वीर और शक्तिशाली बिन्यामीन की सेना के सैनिक मारे गए।
اُس وقت بن یمین کے 18,000 تجربہ کار فوجی ہلاک ہوئے۔
बिन्यामीन की सेना मुड़ी और मरुभूमि की ओर भागी। वे रिम्मोन की चट्टान नामक स्थान पर भाग कर गए। किन्तु इस्राएल की सेना ने सड़क के सहारे बिन्यामीन की सेना के पाँच हजार सैनिकों को मार डाला। वे बिन्यामीन के लोगों का पीछा करते रहे। उन्होंने उनका पीछा गिदोम नामक स्थान तक किया। इस्राएल की सेना ने उस स्थान पर बिन्यामीन की सेना के दो हजार और सैनिकों को मार डाला।
جو بچ گئے وہ ریگستان کی چٹان رِمّون کی طرف بھاگ نکلے۔ لیکن اسرائیلیوں نے راستے میں اُن کے 5,000 افراد کو موت کے گھاٹ اُتار دیا۔ اِس کے بعد اُنہوں نے جِدعوم تک اُن کا تعاقب کیا۔ مزید 2,000 بن یمینی ہلاک ہوئے۔
उस दिन बिन्यामीन की सेना के पच्चीस हजार सैनिक मारे गए। उन सभी व्यक्तियों के पास तलवारें थीं। बिन्यामीन के वे लोग वीर योद्धा थे।
اِس طرح بن یمین کے کُل 25,000 تلوار سے لیس اور تجربہ کار فوجی مارے گئے۔
किन्तु बिन्यामीन के छ: सौ व्यक्ति मुड़े और मरुभूमि में भाग गए। वे रिम्मोन की चट्टान नामक स्थान पर गए। वे वहाँ चार महीने तक ठहरे रहे।
صرف 600 مرد بچ کر رِمّون کی چٹان تک پہنچ گئے۔ وہاں وہ چار مہینے تک ٹکے رہے۔
इस्राएल के लोग बिन्यामीन के प्रदेश में लौटकर गए। जिन नगरों में वे पहुँचे, उन नगरों के आदमियों को उन्होंने मार डाला। उन्होंने सभी जानवरों को भी मार डाला। वे जो कुछ पा सकते थे, उसे नष्ट कर दिया। वे जिस नगर में गए, उसे जला डाला।
تب اسرائیلی تعاقب کرنے سے باز آ کر بن یمین کے قبائلی علاقے میں واپس آئے۔ وہاں اُنہوں نے جگہ بہ جگہ جا کر سب کچھ موت کے گھاٹ اُتار دیا۔ جو بھی اُنہیں ملا وہ تلوار کی زد میں آ گیا، خواہ انسان تھا یا حیوان۔ ساتھ ساتھ اُنہوں نے تمام شہروں کو آگ لگا دی۔