Deuteronomy 17

“तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर को कोई ऐसी गाय, भेड़, बलि में नहीं चढ़ानी चाहिए जिसमें कोई दोष या बुराई हो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर इससे घृणा करता है!
رب اپنے خدا کو ناقص گائےبَیل یا بھیڑبکری پیش نہ کرنا، کیونکہ وہ ایسی قربانی سے نفرت رکھتا ہے۔
“तुम उन नगरों में कोई बुरी बात होने की सूचना पा सकते हो जिन्हें यहोवा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। तुम यह सुन सकते हो कि तुम में से किसी स्त्री या पुरुष ने यहोवा के विरुद्ध पाप किया है। तुम यह सुन सकते हो कि उन्होंने यहोवा से वाचा तोड़ी है
جب تُو اُن شہروں میں آباد ہو جائے گا جو رب تیرا خدا تجھے دے گا تو ہو سکتا ہے کہ تیرے درمیان کوئی مرد یا عورت رب تیرے خدا کا عہد توڑ کر وہ کچھ کرے جو اُسے بُرا لگے۔
अर्थात् उन्होंने दूसरे देवताओं की पूजा की है। या यह हो सकता है कि उन्होंने सूर्य, चन्द्रमा या तारों की पूजा की हो। यह यहोवा के आदेश के विरुद्ध है जिसे मैंने तुम्हें दिया है।
مثلاً وہ دیگر معبودوں کو یا سورج، چاند یا ستاروں کے پورے لشکر کو سجدہ کرے، حالانکہ مَیں نے یہ منع کیا ہے۔
यदि तुम ऐसी बुरी खबर सुनते हो तो तुम्हें उसकी जाँच सावधानी से करनी चाहिए। तुम्हें यह जान लेना चाहिए कि क्या यह सत्य है कि यह भयंकर काम सचमुच इस्राएल में हो चुका है। यदि तुम इसे प्रमाणित कर सको कि यह सत्य है,
جب بھی تجھے اِس قسم کی خبر ملے تو اِس کا پورا کھوج لگا۔ اگر بات درست نکلے اور ایسی گھنونی حرکت واقعی اسرائیل میں کی گئی ہو
तब तुम्हें उस व्यक्ति को अवश्य दण्ड देना चाहिए जिसने यह बुरा काम किया है। तुम्हें उस पुरुष या स्त्री को नगर के द्वार के पास सार्वजनिक स्थान पर ले जाना चाहिए और उसे पत्थरों से मार डालना चाहिए।
تو قصوروار کو شہر کے باہر لے جا کر سنگسار کر دینا۔
किन्तु यदि एक ही गवाह यह कहता है कि उसने बुरा काम किया है तो उसे मृत्यु दण्ड नहीं दिया जाएगा। किन्तु यदि दो या तीन गवाह यह कहते हैं की यह सत्य है तो उस व्यक्ति को मार डालना चाहिए।
لیکن لازم ہے کہ پہلے کم از کم دو یا تین لوگ گواہی دیں کہ اُس نے ایسا ہی کیا ہے۔ اُسے سزائے موت دینے کے لئے ایک گواہ کافی نہیں۔
गवाह को पहला पत्थर उस व्यक्ति को मारने के लिए फेंकना चाहिए। तब अन्य लोगों को उसकी मृत्यु पूरी करने के लिए पत्थर फेंकना चाहिए। इस प्रकार तुम्हें उस बुराई को अपने मध्य से दूर करना चाहिए।
پہلے گواہ اُس پر پتھر پھینکیں، اِس کے بعد باقی تمام لوگ اُسے سنگسار کریں۔ یوں تُو اپنے درمیان سے بُرائی مٹا دے گا۔
“कभी ऐसी समस्या आ सकती है जो तुम्हारे न्यायालयों के लिए निर्णय देने में इतनी कठिन हो कि वे निर्णय ही न दे सकें। यह हत्या का मुकदमा या दो लोगों के बीच का विवाद हो सकता है अथवा यह झगड़ा हो सकता है जिसमें किसी को चोट आई हो। जब इन मुकदमों पर तुम्हारे नगरों में बहस होती है तो तुम्हारे न्यायाधीश सम्भव है, निर्णय न कर सकें कि ठीक क्या है? तब तुम्हें उस विशेष स्थान पर जाना चाहिए जो यहोवा तुम्हारे परमेश्वर द्वारा चुना गया हो।
اگر تیرے شہر کے قاضیوں کے لئے کسی مقدمے کا فیصلہ کرنا مشکل ہو تو اُس مقدِس میں آ کر اپنا معاملہ پیش کر جو رب تیرا خدا چنے گا، خواہ کسی کو قتل کیا گیا ہو، اُسے زخمی کر دیا گیا ہو یا کوئی اَور مسئلہ ہو۔
तुम्हें लेवी परिवार समूह के याजकों और उस समय के न्यायाधीश के पास जाना चाहिए। वे लोग उस मुकदमें का फैसला करेंगे।
لاوی کے قبیلے کے اماموں اور مقدِس میں خدمت کرنے والے قاضی کو اپنا مقدمہ پیش کر، اور وہ فیصلہ کریں۔
यहोवा के विशेष स्थान पर वे अपना निर्णय तुम्हें सुनाएंगे। जो भी वे कहें उसे तुम्हें करना चाहिए।
جو فیصلہ وہ اُس مقدِس میں کریں گے جو رب چنے گا اُسے ماننا پڑے گا۔ جو بھی ہدایت وہ دیں اُس پر احتیاط سے عمل کر۔
तुम्हें उनके फैसले स्वीकार करने चाहिए और उनके निर्देश का ठीक—ठीक पालन करना चाहिए। तुम्हें उससे भिन्न कुछ भी नहीं करना चाहिए जो वे तुम्हें करने को कहते हैं।
شریعت کی جو بھی بات وہ تجھے سکھائیں اور جو بھی فیصلہ وہ دیں اُس پر عمل کر۔ جو کچھ بھی وہ تجھے بتائیں اُس سے نہ دائیں اور نہ بائیں طرف مُڑنا۔
“तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर की सेवा करने वाले उस समय के याजक और न्यायाधीश की आज्ञा का पालन करने से इन्कार करने वाले किसी व्यक्ति को भी दण्ड देना चाहिए। उस व्यक्ति को मरना चाहिए। तुम्हें इस्राएल से इस बुरे व्यक्ति को हटाना चाहिए।
جو مقدِس میں رب تیرے خدا کی خدمت کرنے والے قاضی یا امام کو حقیر جان کر اُن کی نہیں سنتا اُسے سزائے موت دی جائے۔ یوں تُو اسرائیل سے بُرائی مٹا دے گا۔
सभी लोग इस दण्ड के विषय में सुनेंगे और डरेंगे और वे इस कुकर्म को नहीं करेंगे।
پھر تمام لوگ یہ سن کر ڈر جائیں گے اور آئندہ ایسی گستاخی کرنے کی جرٲت نہیں کریں گے۔
“तुम उस प्रदेश में जाओगे जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें दे रहा है। तुम उस देश पर अधिकार करोगे और उसमें रहोगे। तब तुम कहोगे, ‘हम लोग अपने ऊपर एक राजा वैसा ही प्रतिष्ठित करेंगे जैसा हमारे चारों ओर के राष्ट्रों में है।’
تُو جلد ہی اُس ملک میں داخل ہو گا جو رب تیرا خدا تجھے دینے والا ہے۔ جب تُو اُس پر قبضہ کر کے اُس میں آباد ہو جائے گا تو ہو سکتا ہے کہ تُو ایک دن کہے، ”آؤ ہم ارد گرد کی تمام قوموں کی طرح بادشاہ مقرر کریں جو ہم پر حکومت کرے۔“
जब ऐसा हो तब तुम्हें यह पक्का निश्चय होना चाहिए कि तुमने उसे ही राजा चुना है जिसे यहोवा चुनता है। तुम्हरा राजा तुम्हीं लोगों में से होना चाहिए। तुम्हें विदेशी को अपना राजा नहीं बनाना चाहिए।
اگر تُو ایسا کرے تو صرف وہ شخص مقرر کر جسے رب تیرا خدا چنے گا۔ وہ پردیسی نہ ہو بلکہ تیرا اپنا اسرائیلی بھائی ہو۔
राजा को अत्यधिक घोड़े अपने लिए नहीं रखने चाहिए और उसे लोगों को अधिक घोड़े लाने के लिए मिस्र नहीं भेजना चाहिए। क्यों? क्योंकि तुमसे यहोवा ने कहा है, ‘तुम्हें उस रास्ते पर कभी नहीं लौटना है।’
بادشاہ بہت زیادہ گھوڑے نہ رکھے، نہ اپنے لوگوں کو اُنہیں خریدنے کے لئے مصر بھیجے۔ کیونکہ رب نے تجھ سے کہا ہے کہ کبھی وہاں واپس نہ جانا۔
राजा को बहुत पत्नियाँ भी नहीं रखनी चाहिए। क्यों? क्योंकि यह काम उसे यहोवा से दूर हटायेगा और राजा को सोने, चाँदी से अपने को सम्पन्न नहीं बनाना चाहिए।
تیرا بادشاہ زیادہ بیویاں بھی نہ رکھے، ورنہ اُس کا دل رب سے دُور ہو جائے گا۔ اور وہ حد سے زیادہ سونا چاندی جمع نہ کرے۔
“और जब राजा शासन करने लगे तो उसे एक पुस्तक में अपने लिए नियमों की नकल कर लेनी चाहिए। उसे याजकों और लेवीवंशियों की पुस्तकों से नकल करनी चाहिए।
تخت نشین ہوتے وقت وہ لاوی کے قبیلے کے اماموں کے پاس پڑی اِس شریعت کی نقل لکھوائے۔
राजा को उस पुस्तक को अपने साथ रखना चाहिए। उस पुस्तक को जीवन भर पढ़ना चाहिए। क्योंकि तब राजा यहोवा अपने परमेश्वर का सम्मान करना सीखेगा और वह नियम के आदेशों का पूरा पालन करना सीखेगा।
یہ کتاب اُس کے پاس محفوظ رہے، اور وہ عمر بھر روزانہ اِسے پڑھتا رہے تاکہ رب اپنے خدا کا خوف ماننا سیکھے۔ تب وہ شریعت کی تمام باتوں کی پیروی کرے گا،
तब राजा यह नहीं सोचेगा कि वह अपने लोगों में से किसी से भी अधिक अच्छा है। वह नियम के विरुद्ध नहीं जाएगा बल्कि इसका ठीक—ठीक पालन करेगा। तब वह राजा और उसके वंशज इस्राएल के राज्य पर लम्बे समय तक शासन करेंगे।
اپنے آپ کو اپنے اسرائیلی بھائیوں سے زیادہ اہم نہیں سمجھے گا اور کسی طرح بھی شریعت سے ہٹ کر کام نہیں کرے گا۔ نتیجے میں وہ اور اُس کی اولاد بہت عرصے تک اسرائیل پر حکومت کریں گے۔